नई दिल्ली। सप्लाई कमजोर होनं से एक पखवाड़े के दौरान सरसों के भाव 125 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ गये। भविष्य में इसमें मंदे की संभावना कम है बाजार मजबूत रह सकता है।
आप सुधी पाठको को समय-समय पर सरसों की तेजी मंदे के बारे में खबरे पढऩे को मिलती रहती है इसी तारतम्य में ताजा सर्वें के अनुसार सप्लाई कमजोर होने तथा तेल मिलों की मांग से एक पखवाड़े के दौरान सरसों के भाव 125 रुपए बढ़कर 3600/3700 रुपए प्रति क्विंटल हो गये। नजफगढ़ मंडी में लूज में इसके भाव 3375/3425 रुपए प्रति क्विंटल हो गए। उक्त अवधि के दौरान सरसों तेल भी 200 रुपए बढ़कर 7750 रुपए प्रति क्विंटल हो गये। गत वर्ष इन दिनों सरसों के भाव 4800/4900 रुपए प्रति क्ंिवटल थे। आगरा लाइन में बिकवाली कमजोर होने से 42 प्रतिशत कंडिशन सरसों के भाव 150 रुपए बढ़कर 4100 रुपए प्रति क्विंटल हो गये। देश की विभिन्न मंंडियों में सरसों की आवक डेढ़ लाख बोरी के लगभग हो रही है तथा लूज में इसके भाव 3300/3400 रुपए प्रति क्विंटल बोले गये। सरसों का उत्पादन मुख्यत: राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीस गढ़, उत्तराखंड इत्यादि में होता है। अनुकूल मौसम होने के कारण सरसों का उत्पादन 70 लाख टन के लगभग हुआ था। जो गत वर्ष की तुलना में अधिक है। उत्पादन अधिक होने तथा मिलावटी तेल की बिक्री बढऩे के कारण सरसों की मांग बीच में कमजोर पड़ गई है। लेकिन घटे भाव पर बिकवाली कमजोर होने तथा स्टाकिस्टों की मजबूत पकड़ को देखते हुए आने वाले समय मेंं इसमें मंदे की संभावना कम है। (एनएनएस)
सरसों के भावों में मंदी की संभावना नहीं
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