Saturday, January 25, 2025 |
Home » जेपी इन्फ्रा को दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

जेपी इन्फ्रा को दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

by admin@bremedies
0 comments

नई दिल्ली/एजेंसी। जेपी समूह की बिल्डर कंपनी जेपी इन्फ्रा को दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। इस मामले में सोमवार को सुनवाई करते हुए नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल के आदेश पर रोक लगाने का आदेश दिया है। इससे नोएडा और ग्रेटर नोएडा के करीब 32,000 फ्लैट खरीददारों को राहत मिली है, जिन्होंने कंपनी की परियोजनाओं में निवेश किया था। ट्राइब्यूनल की इलाहाबाद बेंच की ओर से 10 अगस्त को ही कंपनी को दिवालिया श्रेणी में डालने का आदेश दिया था। इस आदेश के बाद उन ग्राहकों की चिंताएं बढ़ गई थीं, जिन्होंने निर्माणाधीन फ्लैटों में निवेश किया है और अब तक पजेशन का इंतजार कर रहे हैं।
जानकारी के अनुसार नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल ने आईडीबीआई बैंक की याचिका पर सुनवाई करते हुए अपने आदेश में कहा था कि 8,365 करोड़ रुपये के कर्ज में फंसी कंपनी को अपनी वित्तीय स्थिति सुधारने के लिए अब 270 दिनों का समय दिया जाएगा। यदि इस बीच कंपनी की वित्तीय स्थिति नहीं बदली तो उसकी संपत्ति जब्त हो जाएगी। इसके बाद ही फ्लैट खरीददारों की चिंताएं बढऩे लगी थीं। हालांकि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने खरीददारों की समस्या को हल करने का वादा किया था। कंपनी पर अकेले आईडीबीआई बैंक का ही 4,000 करोड़ रुपये बकाया है। वहीं जेपी इन्फ्राटेक का मामला आरबीआई की तरफ से पहचान किए गए 12 मामलों में शामिल है, जिस पर बैंकों को सलाह दी गई है थी वे दिवालिया प्रक्रिया हृष्टरुञ्ज में शुरू करें। इस सूची में जेपी इन्फ्राटेक के अलावा मोन्नेट इस्पात, ज्योति स्ट्रक्चरर्स, इलेक्ट्रोस्टील स्टील्स, एमटेक ऑटो, एस्सार स्टील, भूषण स्टील, भूषण पावर और स्टील, लैन्को इन्फ्राटेक, एबीजी शिपयार्ड, आलोक इंडस्ट्रीज और ईरा इन्फ्रा एंड इंजीनियरिंग शामिल है।



You may also like

Leave a Comment

Voice of Trade and Development

Copyright @ Singhvi publication Pvt Ltd. | All right reserved – Developed by IJS INFOTECH