Saturday, May 24, 2025 |
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‘सूर्य नगरी’ जोधपुर में पर्यटकों के लिए हैं कई आकर्षण केंद्र

by admin@bremedies
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जोधपुर/एजेंसी- जोधपुर, जिसे थार रेगिस्तान का द्वार कहा जाता है, राजस्थान प्रदेश का दूसरा बड़ा शहर है। यह करीब पांच शताब्दियों तक मारवाड़ की राजधानी रहा है। ऐतिहासिक रूप से इसकी यह विशेषता रही है कि इसी रास्ते से बहुमूल्य कपड़ों के व्यापारी अपनी गाडयि़ां भरकर गुजरात बंदरगाह तक ले जाते थे व मुगलों के कृपापात्र थे। राठौड़ शासकों की भी मुगलों से निकटता थी अतत: वे मुगल शक्ति को बढ़ाने के लिए निपुण योद्धाओं की सेवाएं समय-समय पर देते रहते थे।
जोधपुर जिसे ‘सूर्य नगरी’ के नाम से भी जाना जाता है, पर्यटकों के लिए अपना अलग महत्व रखता है। यहां का मुख्य आकर्षण पन्द्रहवीं शताब्दी में बना ‘मेहरानगढ़ किला’ है, जिसे देश का अभेद्य दुर्ग होने का गौरव प्राप्त है। करीब 125 मीटर ऊंचाई में पहाड़ी पर बने इस दुर्ग की अजेय प्राचीर पर अपनी दृष्टि डालेंगे तो इसकी शिल्प रचना देखकर दंग रह जायेंगे। किले के अंदर की सुंदर कारीगरी को देखकर आपको सुखद आश्चर्य होगा। यहां के विशाल प्रांगण में चहलकदमी करते हुए आप महल में स्थित अद्भुत वस्तुओं से सजा संग्रहालय भी देख सकते हैं।
यहां पर स्थित उम्मेद भवन पैलेस बड़े-बड़े उद्योगपतियों व फिल्मी सितारों की शादियों के भव्य आयोजनों के लिए अक्सर खबरों में रहता है। यह बेमिसाल इमारत स्थानीय पत्थरों से बनी है व भारतीय-मध्यपूर्व शैली पर आधारित है। इसे बीसवीं शताब्दी में महाराजा उम्मेद सिंह ने प्रजा को अकाल से राहत देने के लिए बनवाया था। महल के एक भाग में जोधपुर के पूर्व राजपरिवार का निवास है जो आम जनता के लिए खुला नहीं है, यहां का संग्रहालय भी देखने लायक है।
जोधपुर के अन्य पर्यटन स्थलों में मारवाड़ की मूल राजधानी ‘मंडोर’ है जहां पत्थरों को तराशकर 15 विशालकाय आकर्षक प्रतिमाएं बनाई गई हैं। महामंदिर, जिसका निर्माण 1812 ईसवीं में हुआ था की सुंदर वास्तु-कला देखने लायक है। महाराणा जसवंत सिंह की याद में बना जसवंत थड़ा, मेहरानगढ़ किले के पास ही स्थित है। यहां के दर्शनीय स्थलों में कायलाना झील, बालसमंद झील व बगीचा, ओसियां धवा व लूनी किला हैं।
सोजती गेट, नई सड़क, घंटाघर और पैलेस रोड ऐसी जगहें हैं जहां आपको बंधेज की साडिय़ां व दुपट्टे, चमड़े की जूतियां, अर्ध-मूल्यवान रत्न, चांदी के सामान व जेवर, राजस्थानी चित्र विभिन्न धातुओं की मूर्तियां, लकड़ी पर नक्काशी का काम आदि इतनी विविधता में देखने को मिलेगा। रसोई-घर के लिए भी यहां की लाल मिर्च, पिसा धनिया, स्थानीय कैर-सांगरी खरीदना मत भूलिएगा, यह आपके खाने के स्वाद को बढ़ाते हुए, जोधपुर की याद दिलाते रहेंगे।



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