Home प्रादेशिक देश की इंडस्ट्री को नये आयामे देगे विदेशी विश्वविद्यालयो से पढे विद्यार्थी

देश की इंडस्ट्री को नये आयामे देगे विदेशी विश्वविद्यालयो से पढे विद्यार्थी

by admin@bremedies
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जयपुर के वरूण हल्दिया को विश्व की 10 प्रमुख यूनिवर्सिटी मे एडमिशन का ऑफर

जयपुर/कास।। विश्व के विकासशील और विकसित देशो मे सबसे बड़ा अंतर वहा दी जाने वाली उच्च शिक्षा का है। विकसित देश आज अपनी उन्नत टेक्नोलॉजी के दम पर विकसित है और अपनी टेक्नोलॉजी विकासशील देशो को बेचकर समृद्ध बन गये है। इसका प्रभाव उनकी करेन्सी पर साफ दिखता है। ऐसे मे देश को विकसित बनना है तो यहा के विद्यार्थियो को विदेश के प्रमुख विश्वविद्यालयो मे उन्नत शिक्षा ग्रहण करनी होगी। विदेश के विश्वविद्यालयो मे शिक्षा ग्रहण करने के लिए कई प्रकार के टेस्ट होते है और इन टेस्टो मे प्राप्त अंक और प्रोफाइल के आधार पर विद्यार्थी का एडमिशन होता है। जयपुर मे मान्या प्रिसटन रिव्यू इंस्टिट्यूट मे विदेशी विश्वविद्यालयो मे प्रवेश के लिए होने वाले टेस्ट, इंटरव्यू और अन्य सम्बंदित तैयारिया करवाई जाती है।

ये होते है प्रमुख टेस्ट:

संस्था के संचालक देेवेश चंदेला ने बताया कि विदेशी विश्वविद्यालयो मे अमेरीका, यूरोप, केनेडा, न्यूजीलैंड , ऑस्ट्रैलिया और सिंगापुर के विश्वविद्यालय प्रमुख है। उन्होने बताया कि इन विश्वविद्यालयो मे एमबीए के लिए जीमेट,मास्टर डिग्री के लिए जीआरई और बेचलर डिग्री के लिए सेट परिक्षा होती है। इसके अलावा इंग्लिश एफिशिएंसी के लिए इलेटस और टोफेल टेस्ट होते है। इसके अलावा वीजा के लिए इंटरव्यू की तैयारी करनी होती है।

बढ ̧ रहा है विदेशो मे शिक्षा लेने का चलन:

गौरतलब है कि अमेरीका जाने वाले विद्यार्थियो मे सबसे ज्यादा संख्या करीब 1.50 लाख भारतीय विद्धार्थियो की है। इसके बाद चीन से करीब 1 लाख विद्यार्थी विदेशी विश्वविद्यालयो मे प्रति वर्ष प्रवेश लेते है। इसके बाद कोरिया,पाकिस्तान और बांग्लादेश का नाम आता है।

प्रवेश का आधार रचनात्मक:

चंदेला ने बताया कि विदेशी विश्वविद्यालयो मे एडमिशन मे आधार 50 प्रतिशत वांछित टेस्टो मे आये नंबर और 50 प्रतिशत प्रोफाइल होता है। खेलो व किसी कला मे पारंगत होना या रिसर्च करना व एनजीओ मे काम आदि के आधार पर तय प्रोफाइल से विदेशी विश्वविद्यालयो मे प्रवेश लेना आसान होता है। इस आधार पर यह स्पष्ट है कि विदेशी विश्वविद्यालयो मे प्रवेश का आधार रचनात्मक है। उन्होने बताया कि कोई विद्यार्थी कम नंबर लाकर भी अच्छी प्रोफाइल से विदेशी विश्वविद्यालयो मे प्रवेश आसानी से पा सकता है।

जयपुर के वरूण हल्दिया को मिली सफलता:

जयपुर के वरूण हल्दिया बिट्स पिलानी से बीटेक कर रहे थे। इस दौरान उन्होने इंटरनेशनल एक्सपोज़र और विस्तृत ज्ञान हासिल करने के इच्छा के चलते विदेशी विश्वविद्यालयो मे एडमिशन लेने का मानस बनाया। उन्होने जयपुर स्थित मान्या प्रिंसटन रिव्यू इंस्टिट्यूट मे तैयारी की। आज उन्हे विश्व के दस प्रमुख विश्वविद्यालयो मे एडमिशन का ऑफर है। उन्होने बताया कि इंडस्ट्री को नये आयाम देने के लिए इंटरनेशनल एक्सपोज़र और ज्ञान आवश्यक है।

ऐसे करे वीजा की तैयारी:

हल्दिया ने बताया कि वीजा की तैयारी के लिए दो बाते बहुत आवश्यक है। एक तो वीजा इंटरव्यू लेने वाले ऑफिसर को यह यकिन दिलाना आवश्यक है कि आप शिक्षा लेकर वही स्थापित होने के बजाय वापस अपने देश आ रहे है और दूसरा,आप की फाइनेंसियल कंडीशन ऐसी होनी चाहिए कि आपके पास तय अवधि मे वहा पर रुकने के खर्च की 1.5 गुणा राशि उपलब्ध है। इसके लिए आपकी वित्तीय स्थिति की मजबूती दिखाने मे बैंक स्टेटमेंट,एलआईसी और शेयर वेल्यूशन का ब्योरा प्रमुख साबित हो सकता है। इन दोनो ́आधारो पर खरा उतरने वाले को आसानी से वीजा मिलता है।

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