Saturday, November 9, 2024 |
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निर्यात मांग बढऩे से सोया डीओसी में आया उछाल

by admin@bremedies
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नई दिल्ली। सोया डीओसी में निर्यात मांग अगस्त में भी बहुत बढिय़ा रही, जिससे नीचे वाले भाव से बाजार काफी तेज हो गये। गत माह भी 26 हजार रुपए प्रति टन तक ऊपर में व्यापार हुआ था, लेकिन अगस्त की शुरुआत मेें शिपमेेंट न मिलने से निर्यातक प्लांटों से सोया डीओसी की खरीद कम कर दिये, जिससे यह गिरकर एक अगस्त के आसपास 23800 रुपए प्रति टन नीचे में आ गयी थी, लेकिन जैसे ही लोडिंग शुरू हुई, यह छलांग लगाकर वर्तमान में कोटा लाइन में 27000 रुपए प्रति टन पर जा पहुंची है। अब इन भाव में एक बार माल बेचना चाहिए।
सोयाबीन की फसल एमपी में आने वाली है, लेकिन बरसात की कमी से यील्ड में थोड़ा खतरे का आभास होने लगा है। नई फसल सितम्बर में आ जाएगी। इसे देखते हुए अब लम्बी तेजी का व्यापार नहीं करना चाहिए। हां, यह बात जरूर है कि 10 सितम्बर तक नई सोया डीओसी की शॉर्टेेज रहेगी, उस स्थिति में बाजार 27500 रुपए प्रति टन तक बन सकता है, लेकिन हर बढ़े भाव पर अब माल बेचना चाहिए क्योंकि 10 सितम्बर के बाद मौसम ज्यादा बरसात का नहीं हुआ तो इकतरफा मंदा शुरू हो जाएगा यानि सितम्बर का दूसरा पखवाड़ा मंदे का लग रहा है। सुजालपुर, दतिया एवं शिवपुरी लाइन में सोयाबीन के भाव 150/175 रुपए और बढक़र 3100/3150 रुपए प्रति क्विंटल लूज़ में तेल की प्रतिशतता के हिसाब से बोलने लगे हैं। प्लांट पहुंच में 3200/3250 रुपए का व्यापार हो गया है। फिलहाल अगले दो-चार दिनों में 50/75 रुपए की करैक्शन आ सकती है, लेकिन मंडियों में आवक की कमी को देखते हुए एक बार फिर तेजी लग रही है। भारतीय सोया डीओसी में प्रोटीन अधिक होने एवं कलर पीला होने से खपत वाले देशों में अधिक पसंद की जा रही है। नई फसल यहां सितम्बर अंत में आएगी। सोया डीओसी कोटा लाइन में 25 दिन में 1700 रुपए बढक़र 27000 रुपए प्रति टन हो गई है। प्रोटीन के हिसाब से डीओसी में सबसे सस्ती सोया डीओसी चल रही है।
अत: सितम्बर माह के उत्तराद्र्ध में इसमें 2000 रुपए प्रति टन का मंदा लग रहा है। उससे पहले एक बार बाजार और बढ़ जाएगा। हम मानते हैं कि ब्राजील, अर्जेन्टीना में अभी सोयाबीन का स्टॉक प्रचूर मात्रा में पड़ा है, लेकिन भारतीय सोया डीओसी अन्य देशों की अपेक्षा सस्ती एवं प्रोटीन में अधिक बैठ रही है। यही कारण है कि हमारा घरेलू निर्यात 70 से 75 प्रतिशत अधिक रहा है तथा अभी और निर्यात बढऩे की संभावना है।



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