नई दिल्ली। अमेरिका में सोयाबीन की औसत उत्पादकता पूर्वानुमान की तुलना में कमजोर आने के संकेतों के बाद इसके उत्पादों में हाल ही में तेजी आई है। यहां खपत के सीजन के कारण आगामी समय में सोयाबीन तेल में तेजी जारी रहने का अनुमान है।
सरकार द्वारा क्रूड सोयाबीन तेल समेत आयातित खाद्य तेलों की इम्पोर्ट ड्यूटी में हाल ही में की गई वृद्धि के बाद से घरेलू बाजारों सोयाबीन रिफाइंड तेल में रह-रहकर तेजी आ रही है। इन पंक्तियों के लिखे जाने के समय स्थानीय थोक तेल-तिलहन बाजार में सोयाबीन रिफाइंड तेल 710 रुपए प्रति 10 किलोग्राम पर बना हुआ है। उधर, अमेरिका के प्रमुख सोयाबीन उत्पादक क्षेत्रों में औसत उत्पादकता पूर्वानुमान की तुलना में नीची आने की आशंका के कारण अंतर्राष्टï्रीय बाजार में भी सोयाबीन तेल में तेजी आई है। अंतिम सूचना के समय शिकागो का सक्रिय तिमाही सोया तेल वायदा 35 सैंट प्रति पौंड के आसपास बना होने की जानकारी मिली। केएलसीई के सक्रिय तिमाही सीपीओ वायदा में 16 रिंगिट प्रति टन की मंदी आने की सूचनाएं हैं। गौरतलब है कि अमेरिकी कृषि विभाग ने भी सोयाबीन की औसत उत्पादकता 49.20 बुशल प्रति एकड़ रहने का अनुमान व्यक्त किया था। इसकी वजह से सोयाबीन और सोया तेल वायदा में हाल ही में मंदी आई थी। अमेरिका में इस बार इसकी बिजाई 8.82 करोड़ एकड़ के रिकार्डॅ ऊंचे स्तर पर हुई है। इससे उत्पादन बढऩे की उम्मीद जताई जाने लगी थी लेकिन अमेरिकी मिडवेस्ट में मौसम सामान्य की तुलना में गर्म एवं शुष्क बना होने से पूर्व में सोयाबीन समेत अन्य मौसमी फसलों को हानि होने की आशंका व्यक्त की जा रही थी। कुछ निजी विशेषज्ञ इस बार ब्राजील में सोयाबीन का उत्पादन बढक़र करीब 11.40 करोड़ टन के आसपास होने का अनुमान व्यक्त कर रहे हैं। अमेरिकी कृषि विभाग द्वारा जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार चालू सीजन के दौरान ब्राजील में सोयाबीन का उत्पादन अभी तक के सबसे ऊंचे स्तर यानी 11.30 करोड़ टन होने की सम्भावना है। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि आने वाले समय में अंतर्राष्टï्रीय बाजार में सोयाबीन की प्रचुर आपूर्ति रहने की आशा है। मानसूनी वर्षा सोयाबीन फसल की दृष्टिï से कमजोर बनी हुई है। महाराष्टï्र के विदर्भ एवं मराठवाड़ा समेत कई अन्य क्षेत्रों और मध्य प्रदेश के लगभग सभी प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में इन पंक्तियों के लिखे जाने के समय वर्षा होने की सूचनाएं आ रही हैं। इससे नमी की कमी से जूझ रही फसलों को लाभ होने की उम्मीद की जा रही है। हालांकि केरल, कर्नाटक और पश्चिमी राजस्थान में अभी भी वर्षा सामान्य की तुलना में कमजोर ही बनी होने की रिपोर्र्ट्स आ रही ्र्रहैं। वर्तमान तेल-तिलहन वर्ष, 2016-17 के पहले नौ महीनों यानी नवम्बर, 2016-जुलाई, 2017 में खाद्य तेलों का आयात चार प्रतिशत बढक़र 1.13 करोड़ टन का हुआ है। बीते सीजन की आलोच्य अवधि में 1.11 करोड़ टन खाद्य तेलों का आयात हुआ था। जुलाई, 2017 में आयात 34 प्रतिशत उछलकर 15 लाख टन से भी कुछ अधिक हुआ। आगामी समय में सोयाबीन रिफाइंड तेल में तेजी जारी रहने की उम्मीद है।
एनएनएस
