नई दिल्ली। देश की सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में दिसंबर में थोड़ी गिरावट आई है। नए कारोबारी ऑर्डरों की संख्या घटने और कारोबारी गतिविधियों में सुस्ती इसकी वजह रही। हालांकि, इस दौरान रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण तेजी दर्ज की गयी है। एक मासिक सर्वेक्षण में यह जानकारी दी गई।
निक्केई इंडिया सर्विसेज व्यापार गतिविधि सूचकांक गिरकर दिसंबर में 53.2 पर आ गया। नवंबर में यह 53.7 पर था। गतिविधियों में मामूली सुस्ती के बावजूद सेवा क्षेत्र के पीएमआई ने लगातार सातवें महीने विस्तार दर्शाया। पीएमआई के तहत 50 से अधिक का मतलब विस्तार और उससे कम अंक संकुचन को बताता है। व्यापार अर्थशास्त्री ने कहा, “नये व्यवसायों और रोजगार में वृद्धि से भारत के सेवा क्षेत्र में दिसंबर में कारोबारी गतिविधियां सकारात्मक स्तर पर बनी रहीं। हालांकि, 2018 के अंत में रोजगार सृजन को छोडक़र अन्य क्षेत्रों में विस्तार की गति थोड़ी धीमी रही।” सर्वेक्षण में कहा गया है कि कारोबारी धारणा बढक़र दिसंबर में तीन महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गयी है। अर्थशास्त्री ने कहा, “कारोबारी धारणा में लगातार दूसरे महीने सुधार के चलते सेवा क्षेत्र 2019 में भी वृद्धि के लिये तैयार है। हालांकि, चुनावों से पहले इसमें कुछ गिरावट की आशंका जताई गयी है।” इस बीच, निक्केई इंडिया कंपोजिट पीएमआई उत्पादन सूचकांक नवंबर में 54.5 से गिरकर दिसंबर में 53.6 पर आ गया। नवंबर में यह 25 महीने के उच्चतम स्तर पर था। यह सूचकांक विनिर्माण और सेवा क्षेत्र दोनों की गतिविधियों को दर्शाता है। कीमत के मोर्चे पर इसमें कहा गया है कि सेवा प्रदाताओं की लागत आधारित मुद्रास्फीति लगातार तीसरे महीने कमजोर रही।
