नई दिल्ली। नए ऑर्डरों तथा रोजगार सृजन में गिरावट से मार्च में देश के सेवा क्षेत्र की रफ्तार सुस्त पड़ी और इसका निक्केई सूचकांक घटकर 52 पर रह गया।
निक्केई द्वारा जारी भारतीय सेवा कारोबार गतिविधि सूचकांक रिपोर्ट में कहा गया है कि सेवा कंपनियों को मिलने वाले नये ऑर्डरों की वृद्धि दर फरवरी के मुकाबले मार्च में घट गयी। इन कंपनियों की बिक्री बढ़ी जरूर, लेकिन वृद्धि की रफ्तार पिछले साल सितम्बर के बाद सबसे कम है। इस क्षेत्र में रोजगार सृजन भी छह महीने के निचले स्तर पर रहा जिससे सेवा क्षेत्र का सूचकांक फरवरी के 52.5 से घटकर 52 पर आ गया जो छह महीने का निचला स्तर है।सूचकांक का 50 पर होना स्थिरता दर्शाता है। इसका 50 से ऊपर होना वृद्धि का और उससे कम रहना गिरावट का द्योतक है। इससे पहले 02 अप्रैल को जारी रिपोर्ट के अनुसार मार्च में विनिर्माण क्षेत्र का सूचकांक फरवरी के 54.3 से घटकर 52.6 रह गया था। सेवा तथा विनिर्माण क्षेत्र का संयुक्त सूचकांक फरवरी के 53.8 से घटकर मार्च में 52.7 रह गया जो छह महीने का निचला स्तर है।
निक्केई के लिए रिपोर्ट तैयार करने वाली एजेंसी आई.एच.एस. मार्केट की मुख्य अर्थशास्त्री पॉलियाना डी लीमा ने सेवा क्षेत्र के आंकड़ों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि चौथी तिमाही के अंत में सेवा क्षेत्र में गिरावट की मुख्य वजह नए कारोबार की वृद्धि दर का कमजोर पडऩा और उत्पादों की कीमतों में हुई बढ़ोतरी रही हैं।
