नयी दिल्ली। देश के सबसे बड़े भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने चालू वित्त वर्ष में ऋण में 10 से 12 प्रतिशत की वृद्धि का लक्ष्य रखा है। ऋण की मांग में सुधार और कर्ज की वसूली बेहतर होने से 2019-20 में कर्ज की मांग बेहतर रहने की उम्मीद है। बीते वित्त वर्ष 2018-19 के आखिर में एसबीआई ने सुधार के संकेत देखे। इसके लिए बैंक लगातार काम कर रहा था। बैंक की बहु स्तरीय रणनीतियों के वांछित नतीजे दिखाई दिए।
एसबीआई की 2018-19 की वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि बैंक मजबूत कारोबार वृद्धि, पूंजी और तरलता को लेकर बेहतर स्थिति में है। एसबीआई के चेयरमैन रजनीश कुमार ने शेयरधारकों के नाम संदेश में कहा, ”पिछले साल से संकेत लेते हुए बैंक ने 2019-20 में ऋण में 10 से 12 प्रतिशत की अच्छी वृद्धि हासिल करने का लक्ष्य रखा है। कुछ हद तक बीते वित्त वर्ष में ऋण वृद्धि और वसूली सुधरी है। इससे बैंक चालू वित्त वर्ष के लक्ष्य को हासिल करने को लेकर आशान्वित है। कुमार ने कहा कि पिछले कुछ साल के दौरान ऋण की वृद्धि उल्लेखनीय रूप से निचले स्तर पर रही है। सरकार के निवेश की वजह से कॉरपोरेट क्षेत्र की मांग बढऩे तथा व्यक्तिगत ऋण खंड की सतत मांग से 2018-19 में ऋण की मांग में उल्लेखनीय सुधार देखने को मिला। बीते वित्त वर्ष में एसबीआई को 862 करोड़ रुपये का एकल शुद्ध लाभ हुआ। बैंक का एकीकृत मुनाफा 2,300 करोड़ रुपये रहा।
