नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने अपने खातों में तय मासिक औसत जमा राशि नहीं रखने वाले लोगों से 235.06 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला है। सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी के अनुसार, कुल 388.74 लाख खातों से जुर्माने की भारी-भरकम राशि वसूल की है।
मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में एसबीआई को यह फायदा हुआ है। मध्यप्रदेश के नीमच में रहने वाले सामजिक कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ ने आरटीआई के तहत एसबीआई से सवाल पूछा था कि मिनिमम बैलेंस नहीं रखने वाले खाता धारकों से बैंक ने कितना जुर्माना वसूल किया है।
बैंक ने गौड़ को पांच अगस्त को भेजे जवाब में बताया कि 30 जून 2017 को खत्म हुई तिमाही के दौरान मासिक औसत शेष नहीं रखने के चलते वसूली गई राशि 235.06 करोड़ रुपए है। यह रकम 388.74 लाख खाता धारकों से वसूल की गई है। हालांकि, बैंक ने जवाब में यह नहीं बताया है कि तय मासिक औसत जमा राशि नहीं रखे जाने पर किस श्रेणी के खातों से जुर्माना वसूला गया है।
मगर, गौड़ का मानना है कि इससे बचत खातों में छोटी रकम जमा करने और निकालने वाले गरीब ग्राहक सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा कि एसबीआई को आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के हितों में इस शुल्क वसूली के नियमों की समीक्षा करनी चाहिए। इस तबके के ज्यादातर ग्राहक अपने खातों में लंबे समय तक बड़ी रकम जमा नहीं रख पाते हैं।
आरटीआई से मिली जानकारी से पता चला है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों को सेविंग अकाउंट्स में जमा मिनिमम बैलेंस को लेकर कोई निर्देश नहीं दिए हैं। मगर, केंद्रीय बैंक ने इन खातों में न्यूनतम जमा राशि नहीं रखने पर ग्राहकों से जुर्माने वसूलने को लेकर बैंकों के लिए कुछ शर्तें जरूर रखी हैं।
