नई दिल्ली। एसबीआई के आर्थिक अनुसंधान विभाग की एक रिसर्च रिपोर्ट में देश की जीडीपी ग्रोथ अनुमान में भारी कटौती की गई है। इसमें कहा गया है कि वित्त वर्ष 2019-20 में भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 5 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जबकि इससे पहले एसबीआई ने 6.1 प्रतिशत का अनुमान व्यक्त किया था। एसबीआई ने कहा है कि ऑटो सेक्टर में कमजोर मांग, एयर ट्रैफकि घटने, कोर सेक्टर की कमजोर वृद्धि दर और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में निवेश घटने से चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में देश की जेडीपी वृद्धि दर घटकर 4.2 प्रतिशत रह सकती है। दूसरी तिमाही के लिए जीडीपी के आंकड़े केंद्र सरकार 29 नवंबर को जारी करेगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि आर्थव्यवस्था की वृद्धि दर वित्त वर्ष 2020-21 में बढक़र 6.2 प्रतिशत पर पहुंच जाएगी। यह खबर ऐसे समय में आई है जब इंटरनेशनल रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भारत की जीडीपी ग्रोथ के अनुमान घटा दिया है। कमजोर आर्थिक गतिविधियों को देखते हुए मूडीज ने जीडीपी ग्रोथ का अनुमान कम किया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक दिसंबर में होने वाली मौद्रिक समीक्षा बैठक में ब्याज दरों में और कटौती कर सकता है। पिछले महीने लगातार पांचवीं बार प्रमुख नीति गत दरों में 25 आधार अंकों की कटौती करने के साथ ही आरबीआई ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए अपने वृद्धि अनुमान को 6.9 से घटाकर 6.1 प्रतिशत कर दिया था।