Friday, May 23, 2025 |
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एलईडी बल्ब के उपयोग से 2 साल में 13,400 करोड़ रुपये की बचत

by admin@bremedies
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नई दिल्ली। पिछले दो साल में एलईडी बल्ब के प्रयोग बढऩे से 33 अरब यूनिट बिजली बचाने में सफलता हासिल हुई है, जिससे 13,400 करोड़ रुपये की बचत हुई। इसी तरह 6,700 मेगावाट का लोड कम हुआ है और कार्बन उर्त्सजन में दो करोड़ 71 लाख फुटप्रिंट की कमी दर्ज की गई है, जिससे पर्यावरण संरक्षण को बल मिला। एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) के प्रबंध निदेशक सौरभ कुमार ने चुनिंदा पत्रकारों के समूह से बात करते हुए कहा, ‘देश में 30 करोड़ लोग अब भी बिजली सुविधा से दूर हैं। भारत के विकास की कहानी में 70 प्रतिशत निर्माण कार्य बाकी है, ऐसे में ऊर्जा दक्षता बढ़ाने की जरूरत है। जिससे राष्ट्रीय संसाधन की बचत हो सके। ऐसे में ऊर्जा बचत का महत्व बढ़ता जाएगा।

2019 तक 20 हजार मेगावाट बिजली बचाने का लक्ष्य

कुमार ने कहा, ‘वर्ष 2019 तक 20 हजार मेगावाट बिजली बचाने का लक्ष्य है। देश के कई राज्यों में शहरी निकायों में स्ट्रीट लाइट से 50 फीसदी की बिजली बचत की जा रही है।’ उन्होंने कहा कि ऊर्जा संरक्षण के लिए एलईडी बल्ब को बढ़ावा देते हुए मध्य प्रदेश, झारखंड, उत्तराखंड एवं बिहार राज्य में पोस्ट आफिस के जरिए भी एलईडी बल्ब बेचे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उजाला योजना के तहत 9 वाट का बल्ब 70 रुपये में मिल रहा है और तीन साल की वारंटी है। यानी तीन साल के भीतर खराब हो जाए तो इसे बदल सकते हैं। कुमार ने कहा कि एलईडी बाजार का विकास दर 100 फीसदी से भी ज्यादा है। उन्होंने कहा कि अभी भी 77 करोड़ साधारण बल्ब उपयोग में है जिसे 2019 तक एलईडी बल्ब से बदलने का लक्ष्य है।

उजाला योजना

उल्लेखनीय है कि उजाला योजना ने पिछले तीन वर्षो के दौरान थोक खरीद के माध्यम से बाजार कीमत पर असर डालते हुए न केवल एलईडी बल्बों की लागत में 88 प्रतिशत तक की कमी की, बल्कि इसके विनिर्माण को भी बढ़ावा दिया। ऊर्जा और खर्च में बचत से कहीं बढक़र, एलईडी बल्ब ने बेहतर रोशनी और उन्नत जीवन के माहौल के द्वारा लोगों के जीवन में व्यापक बदलाव लाया है। यह पहल केवल भारतीय बाजारों तक ही सीमित नहीं है।



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