Home अर्थव्यवस्था सरकार ने चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर 7 प्रतिशत रहने का लगाया अनुमान

सरकार ने चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर 7 प्रतिशत रहने का लगाया अनुमान

by Business Remedies
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नई दिल्ली। देश की अर्थव्यवस्था की सेहत का आईना तथा चुनौतियों को रेखांकित करने वाली आर्थिक समीक्षा को संसद में पेश किया गया। समीक्षा मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन ने तैयार की है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में पेश आर्थिक समीक्षा २०19 में कहा गया है कि 2019-20 में वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर सात प्रतिशत रहने का अनुमान है। बीते वित्त वर्ष में पूरे साल वृद्धि दर के निचले स्तर पर रहने के बाद यह अर्थव्यवस्था की स्थिति में सुधार का संकेत है।  पिछले वित्त वर्ष 2018-19 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर पांच साल के न्यूनतम स्तर 6.8 प्रतिशत रही थी।

आर्थिक समीक्षा में 2018-19 में राजकोषीय घाटा बढ़कर 3.4 प्रतिशत पर पहुंच जाने का अनुमान है। अंतरिम बजट में भी राजकोषीय घाटा 3.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था।  निवेश और खपत में बढ़ोतरी से जीडीपी बढऩे का अनुमान जताया गया है। वित्त वर्ष 2018-2019 में सर्विस एक्सपोर्ट 14.38 लाख करोड़ रुपए रहा है।

इसमें 0.746 लाख करोड़ की बढ़त हुई है। सर्विस एक्सपोर्ट 2017 के 2 प्रतिशत से बढ़कर 2018 में 3.5 प्रतिशत रहा है। इस सर्वेक्षण रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में विदेशी मुद्रा का पर्याप्त भंडार बना रहेगा। 14 जून तक विदेशी मुद्रा भंडार 42,220 करोड़ डॉलर था। विदेशी निवेशकों का भारत पर

भरोसा बढ़ा है। 2018-19 में शुद्ध प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 14.2 प्रतिशतबढऩे का अनुमान है। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि एनपीए बढऩे से बैंकों की बैलेंसशीट पर दबाव है। एनपीए की समस्या सरकारी बैंकों में ज्यादा है। निवेश दर में

गिरावट का दौर थमा है। इंडस्ट्री की क्रेडिट ग्रोथ में रफ्तार आई है। 2018 की दूसरी छमाही से क्रेडिट ग्रोथ बढ़ती दिख रही है। हालांकि एनबीएफसी की लेंडिंग में कमी से ग्रोथ पर असर पड़ा है। एनबीएफसी की लेंडिंग में कमी से ऑटो बिक्री गिरी है लेकिन सीमेंट उत्पादन और स्टील की खपत बढ़ी है।

इस सर्वे रिपोर्ट में कहा गया है कि सीमेंट, फाइनेंस और सर्विसेंस की ग्रोथ 7.4 प्रतिशत रही है। पिछले 4 साल से एफडीआई निवेश में भी तेजी देखने को मिल रही है। ऑटो, केमिकल्स में एफडीआई निवेश में बढ़त हुई है।

एमएसएमई को कर्ज देने की रफ्तार भी बढ़ी है। 2018-19 में भारत उभरते देशों में सबसे आगे रहा है। आर्थिक सर्वे बजट से एक दिन पहले पेश किया जाता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट आज पेश करेंगी। मुख्य आर्थिक सलाहकार ने ट्विटर पर लिखा, ”मेरी और नई सरकार की पहली आर्थिक समीक्षा के संसद के पटल पर रखे जाने के लेकर उत्साहित हूं। वर्ष 2018- 19 की आर्थिक समीक्षा ऐसे समय पेश की जा रही है ।

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