नई दिल्ली। मोदी सरकार टेलिकॉम स्पेक्ट्रम के लिए अब तक की सबसे बड़ी नीलामी करने की योजना बना रही है। अनुमान है कि 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी की वैल्यू 6 लाख करोड़ रुपये होगी। इन स्पेक्ट्रम की नीलामी के बाद किफायती 5जी सर्विसेज की शुरुआत हो सकेगी। इनमें ग्रामीण इलाकों में फाइबर-टू-द-होम इंटरनेट को पहुंचाना भी शामिल है। टेलिकॉम मामलों के फैसले लेने वाला सर्वोच्च संस्थान डिजिटल कम्युनिकेशंस कमीशन (ष्ठष्टष्ट) ने इस योजना को सप्ष्ट किया। इस साल के आखिर तक करीब 8,600 मेगाहर्ट्ज के मोबाइल एयरवेज की नीलामी सरकार करेगी। इनमें टेलिकॉम सर्विसेज के मौजूदा व्यवस्था के लिए स्पेक्ट्रम भी शामिल होंगे। इसके अलावा नई 5जी सर्विसेज के स्पेक्ट्रम भी होंगे। टेलिकॉम सेक्रेटरी और डीसीसी के चेयरपर्सन अरुणा सुंदरराजन ने बताया कि अगर सभी स्पेक्ट्रम को रिजर्व दामों में भी बेचा जाता है, तो भी सरकार को कम से कम 5.8 लाख करोड़ रुपये नेट मिलेंगे। हालांकि, सरकार का आइडिया इस स्पेक्ट्रम नीलामी से ज्यादा से ज्यादा रेवेन्यू पाना नहीं बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि टेलिकॉम सर्विसेज पहले से ज्यादा बेहतर हों। डीसीसी ने ट्राई से पिछले चरणों में स्पेक्ट्रम बिक्री के कमजोर रहने के कारणों के बारे में पूछा है। गौर करने वाली बात है कि ट्राई ने पहले ही नए चरण की नीलामी के लिए रिजर्व दामों का सुझाव दिया है।
सरकार किफायती 5जी के लिए बना रही है सबसे बड़ी स्पेक्ट्रम नीलामी की योजना
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