नई दिल्ली। पोस्तदाने का आयात तुर्की से टलता जा रहा है तथा चीन से आने वाले माल के भी परमिट नहीं हैं। इन परिस्थितियों को देखते हुए पोस्तदाने में जल्दी 50 रुपए किलो की और तेजी लगने लगी है। भारत में पोस्तदाने की खपत विभिन्न खाद्य पदार्थ के साथ-साथ आयुर्वेदिक औषधियों में भी प्रचूर मात्रा में होता है तथा 80 प्रतिशत इसकी खपत तुर्की से पूर्ति होती थी, जो पिछले दो वर्ष से आयात होने वाले पोस्तदाने परमिट को लेकर मामला न्यायालय के अधीन चल रहा है। नए परमिट के लिए भी पिछले महीने कुछ टेंडर मांगे गये थे, लेेकिन वो भी किसी कारणवश सफल नहीं हो पाये। गत 6 महीने से अधिक समय से भारतीय बाजारों में चीन का ही पोस्तदाना बिक रहा था। वह भी धीरे-धीरे शॉर्टेज में आने लगा है। मध्य प्रदेश के नीमच, मंदसौर, ग्वालियर, सतना लाइन से जो देशी पोस्तदाना आता था, वह भी पिछले महीनेे नारकोटिक डिपार्टमेंट की छापेमारी से अंदरखाने दब गया। उसमें कुछ अफीम का मिश्रण पाये जानेे की चर्चा थी, जो 10 हजार रुपए किलो के करीब बिकता है। यही कारण है कि दो दिनों के अंतराल 35 रुपए उछलकर चाइना का पोस्तदाना 450 रुपए प्रति किलो की ऊंचाई पर जा पहुंचा है। गत 10 दिन पूर्व इसके भाव 365 रुपए चल रहे थे।
(एनएनएस)
पोस्तदाने में ५० रुपये किलो तेजी के आसार
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