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नई दिल्ली। खुदरा एवं थोक मुद्रास्फीति में जुलाई माह में वृद्धि हुई और आने वाले महीनों में इसमें वृद्धि बनी रह सकती है। इससे आगे मौद्रिक नीति में नरमी की गुंजाइश सीमित है। वैश्विक वित्तीय सेवा कंपनी के अनुसार खुदरा एवं थोक मुद्रास्फीति जून में नरमी रही और आने वाले महीनों में इसमें वृद्धि की संभावना है। थोक मुद्रास्फीति जुलाई में बढक़र 1.88 प्रतिशत हो गयी जो जून 2017 में 0.90 प्रतिशत थी। मुख्य रूप से खाद्य वस्तुओं खासकर सब्जियों के दाम बढऩे से मुद्रास्फीति में तेजी आयी। मोर्गन स्टेनले ने कहा, हमारा अनुमान है कि अगस्त में खुदरा मूल्य सूचकांक और थोक मूल्य सूचकांक अधारित मुद्रास्फीति अगस्त में बढक़र क्रमश: 3.0 प्रतिशत और 2.1 प्रतिशत हो जाने का अनुमान है।