नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के प्रमुख धनिया उत्पादक क्षेत्रों में हाल ही एक बार फिर वर्षा का सिलसिला शुरू हुआ है। राजस्थान के हाड़ौती क्षेत्र में अभी वर्षा की कमी बताई जा रही है। आगामी दिनों में हाजिर में धनिया मंदा होने की आशंका कम ही है।
चालू सीजन के दौरान घरेलू एवं अंतर्राष्टï्रीय स्तर पर धनिया का उत्पादन अच्छा होने के कारण इसका कारोबार नीरस ही बना हुआ है। चालू मानसून सीजन की समाप्ति में अब करीब 20-25 दिनों का ही समय शेष रह गया है। राजस्थान के हाड़ौती क्षेत्र, जिसमें कोटा, बारा और रामगंज जैसे धनिया के प्रमुख उत्पादक क्षेत्र आते हैं, में वर्षा सामान्य की अपेक्षा कुछ कम बताई जा रही है। उधर, मध्य प्रदेश के मनासा, मंदसौर एवं नीमच आदि में हाल ही में हुई मानसूनी वर्षा के कारण न केवल खरीफ फसलों को जीवनदान दे दिया है बल्कि इससे आगामी रबी सीजन की फसलों की बुआई में भी मदद मिलने का अनुमान जताया जा रहा है। राजस्थान की बारां मंडी में धनिया की करीब 2 हजार बोरियों की नाममात्र आवक होने की जानकारी मिली। मंडी में बादामी तथा ईगल धनिया क्रमश: 4000/4200 रुपए एवं 4300/4400 रुपए प्रति क्विंटल के पूर्वस्तर पर ही बने होने की जानकारी मिली। रामगंज में धनिया की करीब तीन/चार हजार बोरियों की आवक होने तथा बादामी एवं ईगल धनिया की कीमत क्रमश: 4100/4300 रुपए एवं 4300/4600 रुपए पर बना होने की रिपोर्ट्स मिली। उधर, मध्य प्रदेश की मनासा मंडी मेेंं धनिया क्वालिटी के अनुसार 4000/ 5000 रुपए प्रति क्विंटल के बीच बना होने की जानकारी मिली। गुड्स एवं सर्विस टैक्स (जीएसटी) लागू होने के बाद से धनिया समेत किराना जिंसों का कारोबार सुस्त पडऩे लगा है। उत्पादक राज्यों की मंडियों में धनिया तुलनात्मक रूप से नीचा बना होने की सहानुभूति में स्थानीय थोक किराना बाजार में धनिया बादामी पिछले कुछ समय से 5500/5600 रुपए प्रति क्विंटल पर स्थिर बना हुआ है। प्रमुख उत्पादक राज्यों में धनिया में आई हाल ही में मंदी का प्रमुख कारण यह है कि इसका उत्पादन बढऩे के साथ-साथ फिलहाल घरेलू और अंतर्राष्टï्रीय मांग सामान्य की तुलना में कमजोर बनी हुई है। आगामी दिनों में धनिया मंदा होने की आशंका नजर नहीं आ रही है।
एनएनएस
धनिया में मंदी की सम्भावना कम
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