Thursday, April 17, 2025 |
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रियल एस्टेट सेक्टर में तेजी के मिल रहे हैं संकेत

by admin@bremedies
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नई दिल्ली/एजेंसी। अरसे बाद देश के रियल एस्टेट सेक्टर में तेजी लौटने के संकेत मिल रहे हैं। हालांकि दिल्ली-एनसीआर में सुस्ती छंटने का नाम नहीं ले रही है। रियल एस्टेट पोर्टल मैजिकब्रिक्स डॉट कॉम की अप्रैल-जून तिमाही के प्रॉपर्टी इंडेक्स और सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 14 बड़े शहरों के 55 प्रतिशत इलाकों में प्रॉपर्टी की कीमतें औसतन 2.8 पर्सेंट तक बढ़ी हैं, जो पिछली तिमाही के मुकाबले कीमतों में तेजी से ऊपर का रुझान दर्शाता है। हालांकि दिल्ली-एनसीआर में कीमतों की सुस्ती कायम है। सबसे बुरा हाल ग्रेटर नोएडा का है, जहां पहली तिमाही में कीमतें किसी भी शहर के मुकाबले ज्यादा गिरी हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक हैदराबाद, चेन्नई और बेंगलुरु में कीमतें बढ़ी हैं, जबकि अन्य इलाकों में औसतन फ्लैट या नीचे का रुझान लिए हुए हैं। सिटी इंडेक्स में सबसे ज्यादा 1.8 पर्सेंट की तेजी हैदराबाद में, जबकि सबसे ज्यादा 3.9 पर्सेंट की गिरावट ग्रेटर नोएडा में दर्ज की गई है। दिल्ली-एनसीआर के ज्यादातर इलाकों में प्रॉपर्टी कीमतें घटी हैं।
राजधानी में प्रॉपर्टी कीमतों का ग्राफ लगभग फ्लैट रहा है। यहां 51त्न इलाकों में दाम घटे हैं, जबकि 49 प्रतिशत इलाकों में कीमतें बढ़ी हैं। नोएडा में 66 प्रतिशत इलाकों में औसतन कीमतें गिरी हैं, जबकि 34 प्रतिशत में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। ग्रेटर नोएडा में 72त्न इलाकों में दाम घटे और 28 पर्सेंट में बढ़े हैं। यहां प्राइम और अफोर्डेबल सभी सेग्मेंट में गिरावटी जारी है। गाजियाबाद में 63 प्रतिशत इलाकों में प्रॉपर्टी कीमतों में गिरावट आई है, जबकि 37 पर्सेंट में दाम बढ़े हैं। गुडग़ांव में 58 प्रतिशत इलाकों में दाम घटे और 42त्न में बढ़े हैं। दिल्ली, गुडग़ांव और नोएडा में 75 पर्सेंट प्रीमिमय एरिया में कीमतें गिरी हैं।
मैजिक ब्रिक्स के सीईओ सुधीर पाई ने बताया कि 750 में से 55 प्रतिशत इलाकों में कीमतों का ऊपर का रुख करना एक खुशनुमा रुझान है, जो तेजी से एक रिकवरी का संकेत देता है। कीमत में औसतन 2.8 पर्सेंट का इजाफा इस लिहाज से अहमियत रखता है, कि मार्च तिमाही तक ज्यादातर शहरों में गिरावटके रुझान थे। इस रुझान के पीछे हालिया पॉलिसी बदलावों के चलते सेक्टर सेंटिमेंट में सुधार हो सकता है। नोटबंदी, रेरा और जीएसटी के चलते जो मानसिक दबाव बना था, वह हल्का होता दिख रहा है। उन्होंने बताया कि अफोर्डेबल और लो प्राइस सेग्मेंट में दाम बढऩे से ऐसा लगता है कि घर खरीदने में कंज्यूमर्स की दिलचस्पी बढ़ी है। रिपोर्ट के मुताबिक अंडर-कंस्ट्रक्शन के मुकाबले रेडी टू मूव इन प्रॉपर्टीज की तरफ लोगों का झुकाव बढ़ा है।



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