नई दिल्ली। देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर, खासकर के टेक्सटाइल और आयरन एवं स्टील सेगमेंट की सेल्स ग्रोथ चालू वित्त वर्ष (2018-19) की दूसरी तिमाही में पिछले वर्ष के मुकाबले बेहतर रही है। यह जानकारी आरबीआई ने दी है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने प्राइवेट सेक्टर की 2,700 लिस्टेड नॉन-फाइनेंशियल कंपनियों की एनालिसिस में पाया कि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की मांग सितंबर तिमाही में बेहतर रही है। इसका पता इस सेक्टर की कंपनियों की उम्दा सालाना सेल्स ग्रोथ से चलता है। आरबीआई ने बताया, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की सेल्स ग्रोथ को केमिकल और केमिकल प्रॉडेक्ट्स, आयरन एंड स्टील, पेट्रोलियम प्रॉडक्ट्स इंडस्ट्रीज की मजबूत मांग के अलावा टेक्सटाइल इंडस्ट्री की स्थिति में आए व्यापक सुधार का सहारा मिला है। केंद्रीय बैंक ने आगे कहा कि सितंबर तिमाही के दौरान मोटर व्हीकल और दूसरे ट्रांसपोर्ट इक्विपमेंट की सेल्स ग्रोथ में तेज गिरावट देखने को मिली है। इसकी प्रमुख वजह हाई बेस इफेक्ट रहा है।
इसके अलावा फार्मास्युटिकल और मेडिसिन इंडस्ट्री की ग्रोथ में भी कमी देखने को मिली है। वहीं चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में आईटी सेक्टर की ग्रोथ सावाना आधार पर बीते वर्ष की समान अवधि के मुकाबले सुधरी है। इसके अलावा मैन्युफैक्टरिंग सेक्टर के नेट प्रॉफिट में मजबूत ग्रोथ बनी हुई है जिसे अन्य आय का सहारा मिला है। आरबीआई ने बताया कि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की कंपनियों का कुल मुनाफा सितंबर तिमाही के दौरान सालाना 29.4 फीसद की ग्रोथ के साथ 47,100 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। यह डेटा मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की 1734 कंपनियों के संक्षिप्त वित्तीय नतीजों पर आधारित हैं।
