मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास का कहना है कि केंद्रीय बैंक गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) में नकदी की पर्याप्त मात्रा सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने निकट भविष्य में परिसंपत्ति गुणवत्ता समीक्षा की संभावना से इनकार करते हुए कहा कि इस कदम से बाजार प्रभावित हो सकता है। दास ने कहा कि नकदी जरूरतों को पूरा करने के लिए केंद्रीय बैंक कदम उठाने को तैयार है।
गवर्नर ने कहा कि पिछले एक साल में गैर निष्पादित परिसंपत्तियों की मात्रा में उल्लेखनीय कमी आई है और लगता है कि भारतीय बैंकिंग क्षेत्र का बुरा दौर खत्म हो चुका है। बैठक में फिडेलिटी, टेम्पलटन, ब्लैकरॉक जैसे ऐसेट मैनेजर और कई हेज फंड तथा दबाव वाले परिसंपत्ति निवेशक शामिल थे। इससे पहले डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने पिछले महीने मुंबई में कई एफपीआई के साथ बैठक की थी। दास ने नीतिगत दरों में हाल में की गई कटौती को वाजिब ठहराते हुए कहा कि महंगाई में कमी और कई दूसरी वजहों से ऐसा किया गया।
