मुंबई। रिजर्व बैंक ने कहा कि उसने मुख्य रूप से निवेश कार्य करने वाली कंपनियों के नियामकीय और निगरानी व्यवस्था की समीक्षा के लिये एक कार्य समूह का गठन किया है। आरबीआई ने होल्डिंग कंपनी का अन्य गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों की तुलना में कारोबारी मॉडल अलग देखते हुए अगस्त 2010 में मुख्य रूप से निवेश कार्य वाली कंपनियों (सीआईसी) के नियमन के लिये अलग से व्यवस्था की थी। केंद्रीय बैंक ने कहा, ”गुजरते साल के साथ कार्पोरेट समूह ढांचा अधिक जटिल हो गया है। इसमें कई स्तर होने के साथ निवेश भी विभिन्न क्षेत्रों में है….।ÓÓ रिजर्व बैंक ने कहा कि ऐसे में सीआईसी की संचालन व्यवस्था मजबूत करने की जरूरत है। छह सदस्यीय कार्य समूह की अध्यक्षता सेंट्रल बैंक आफ इंडिया के गैर-कार्यकारी चेयरमैन और कार्पोरेट मामलों के मंत्रालय के पूर्व सचिव तपन रे करेंगे। समूह सीआईसी के मौजूदा नियामकीय रूपरेखा की समीक्षा करेगा और जरूरत के अनुसार जरूरी बदलाव के बारे में सुझाव देगा। कार्य समूह 31 अक्टूबर 2019 तक अपनी रिपोर्ट सौंपेगा।
