नई दिल्ली। सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक से राष्ट्रीय आवास बैंक (एनएचबी) की समूची हिस्सेदारी 1,450 करोड़ रुपये में खरीदने के बाद इस बारे में अधिसूचना जारी कर दी है। रिजर्व बैंक एनएचबी के स्वामित्व बाहर निकल गया है। इससे यह पूरी तरह सरकारी स्वामित्व वाली इकाई हो गई है। आवास वित्त नियामक ने कहा कि केंद्रीय बैंक के पास एनएचबी की 100 प्रतिशत हिस्सेदारी थी। यह कदम नियामकीय संस्थानों की एक दूसरे में हिस्सेदारी को समाप्त करने और नरसिम्हन समिति-दो की अक्टूबर, 2001 की सिफारिशों के अनुरूप उठाया गया है। इस बारे में रिजर्व बैंक के खुद के परिचर्चा पत्र ‘विकास वित्त संस्थानों के परिचालन और भूमिका को सुसंगत करनाÓ में भी जिक्र किया गया है। वित्त मंत्रालय ने इस बारे में 29 अप्रैल को अधिसूचना जारी की है। नरसिम्हन समिति का कहना था कि रिजर्व बैंक उन इकाइयों का नियंत्रण अपने पास नहीं रख सकता जिनका नियमन वह खुद करता है।