नई दिल्ली। विलंब और अन्य वजहों से 150 करोड़ रुपये या उससे अधिक लागत की 355 बुनियादी ढांचा क्षेत्र की परियोजनाओं की लागत में 3.88 लाख करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई है।
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय 150 करोड़ रुपये या उससे अधिक की लागत की परियोजनाओं की निगरानी करता है। कुल 1,623 परियोजनाओं में से 355 की लागत बढ़ गई है जबकि 552 में विलंब हुआ है। मंत्रालय की जुलाई, 2019 की रिपोर्ट के अनुसार 1,623 परियोजनाओं की मूल लागत 19,33,390.22 करोड़ रुपये थी। अब इन परियोजनाओं के पूरा होने की अनुमानित लागत 23,21,502.84 करोड़ रुपये पर पहुंच गई है।
इस तरह परियोजनाओं की कुल लागत में 3,88,112.62 करोड़ रुपये या 20.07 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जुलाई, 2019 तक इन परियोजनाओं पर कुल 9,47,571.45 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। यह परियोजनाओं की अनुमानित लागत का 40.82 प्रतिशत बैठता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि परियोजनाओं में देरी का आकलन उनको पूरा करने की नयी समयसीमा से किया जाए, तो विलंब वाली परियोजनाओं की संख्या घटकर 451 रह जाएगी। विलंब वाली परियोजनाओं में से 187 में एक से 12 महीने, 121 में 13 से 24 महीने, 132 में 25 से 60 महीने और 112 में 61 या उससे अधिक माह का विलंब है। इन 552 परियोजनाओं में प्रत्येक में औसतन 29.07 माह का विलंब हुआ है।