नई दिल्ली। विकसित एवं विकासशील देशों के मंच जी -20 के व्यापार मंत्रियों की जापान के सुकुबा में होने वाली बैठक में ई -वाणिज्य और बढ़ता वैश्विक संरक्षणवाद जैसे मुद्दों पर प्रमुखता से चर्चा होगी। यह बैठक आठ और नौ जून को होगी। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल जी -20 की बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। व्यापार और डिजिटल अर्थव्यवस्था पर मंत्रिस्तरीय बैठक में विश्व व्यापार संगठन के कामकाज को बाधित करने वाले मामलों पर भी चर्चा हो सकती है। ई-वाणिज्य का मुद्दा महत्वपूर्ण है क्योंकि कुछ विकसित देश डब्ल्यूटीओ में एक समझौते के लिए बातचीत करना चाहते हैं। भारत का विचार है कि मामले में आमसहमति बनने के बाद ही इस मुद्दे को वार्ता के लिए लिया जाना चाहिए। बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा तैयार ई – वाणिज्य नीति के कुछ प्रावधानों को लेकर चिंता जतायी है। मसौदे में ई – खुदरा मंचों और सोशल मीडिया समेत विशिष्ट स्रोतों से देश में सृजित आंकड़ों के सीमा पार प्रवाह पर रोक लगाने के लिये कानूनी और प्रौद्योगिकी रूपरेखा तैयार करने का आह्वान किया गया है। इसमें यह भी कहा गया है कि जो इकाई भारत में संवेदनशीन आंकड़े एकत्रित करती हैं या उनका प्रसंस्करण करती हैं तथा उसे विदेशों में रखती है , उन्हें कुछ शर्तों का पालन करना होगा। इसके तहत उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि जो भी आंकड़े विदेश में रखे गये हैं , वे अन्य कारोबारी इकाइयों को किसी भी मकसद के लिये उपलब्ध नहीं होना चहिए।
ई – वाणिज्य पर डब्ल्यूटीओ के 76 सदस्य पहले ही बातचीत शुरू कर चुके हैं। भारत इसका हिस्सा नहीं है। जी -20 सदस्य देशों में भारत , अर्जेन्टीना , ब्राजील , कनाडा , चीन , यूरोपीय संघ , फ्रांस , जर्मनी , इंडोनेशिया , जापान , मेक्सिको , रूस , दक्षिण अफ्रीका , ब्रिटेन तथा अमेरिका शामिल हैं।
