बिजऩेस रेमेडीज/मुंबई
देश में बढ़ रही औसत उम्र, हेल्थकेयर की बढ़ रही लागत और महंगाई जैसे फैक्टर को देखते हुए अब कम उम्र से ही रिटायरमेंट प्लानिंग और उसके लिए बचत जरूरी है। इसलिए फाइनेंशियल एडवाइजर द्वारा यह सलाह दी जाती है कि जितनी जल्दी हो सके अपने रिटायरमेंट के लक्ष्य के लिए बचत और निवेश को प्राथमिकता दें। एकुमुलेशन के फेज के दौरान म्यूचुअल फंड की रिटायरमेंट कैटेगरी के माध्यम से इक्विटी में निवेश करने के दो लाभ हैं। एक, तो लंबी अवधि में इक्विटी में किया गया निवेश महंगाई को मात दे सकता है, इस संभावना का लाभ उठाना और दूसरा रिटायरमेंट नाम से फंड का उपयोग करने से आपको अपने खास लक्ष्य के प्रति प्रतिबद्धता को बनाए रखने में मदद मिलती है, जिसे विशेषज्ञ मेंटल अकाउंटिंग कहते हैं।
पीजीआईएम इंडिया म्यूचुअल फंड ने आज अपने ओपन-एंडेड फंड, पीजीआईएम इंडिया रिटायरमेंट फंड के लॉन्च की घोषणा की है। इस फंड में 5 साल या 60 साल की रिटायरमेंट की उम्र (जो भी पहले हो) तक लॉक-इन है।
फंड का लक्ष्य इक्विटी, इक्विटी संबंधित विकल्पों, आरईआईटी और इनविट और फिक्स्ड इनकम सिक्योरिटीज के मिक्स में निवेश करके निवेशकों को बेहतर रिटर्न देते हुए उनके रिटायरमेंट लक्ष्य को पूरा करना है और उसी के अनुरूप इनकम प्रदान करना है।रिटायरमेंट के लिए बचत और निवेश के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, पीजीआईएम इंडिया एसेट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ, अजीत मेनन ने कहा कि रिटायरमेंट के बाद लंबे समय तक जीवित रहना एक ऐसा जोखिम है, जिस पर ज्?यादा ध्?यान नहीं रहता, लेकिन हर किसी को इसका समाधान खोजने के लिए जूझना पड़ता है। हमारे जीवन के अधिकांश लक्ष्य जैसे घर बनाना, बच्?चों की शिक्षा, पसंद की कार खरीदना ये सब लोन लेकर पूरे किए जा सकते हैं, लेकिन जब रिटायरमेंट की बात आती है तो हम इसे लोन से पूरा नहीं कर सकते। इस प्रकार लोगों के लिए अपने रिटायरमेंट फंड के निर्माण को प्राथमिकता देना जरूरी है। लक्ष्य को तय करने के बाद अपने निवेश की योजना बनाने में मदद के लिए एक विश्वसनीय वित्तीय सलाहकार का होना ठीक रहता है। रिटायरमेंट के लिए निर्धारित डेडिकेटेट म्यूचुअल फंड में निवेश करने से आपको अपने लक्ष्य के प्रति लंबे समय तक बने रहने और लंबी अवधि में कंपाउंडिंग का लाभ उठाने में मदद मिलती है।
पीजीआईएम इंडिया म्यूचुअल फंड के सीआईओ विनय पहाडय़िा का कहना है कि अलग अलग ग्लोबल एजेंसियों के अनुमान के अनुसार, भारत अगले कुछ साल में सबसे तेजी से बढ़ती जी20 अर्थव्यवस्था में से एक बनने की ओर अग्रसर है। लंबी अवधि में, कॉर्पोरेट आय किसी देश की नॉमिनल जीडीपी में ग्रोथ को ट्रैक करती है और स्टॉक की कीमतें अर्निंग में ग्रोथ को ट्रैक करती हैं। हाई ग्रोथ और बेहत क्वालिटी वाली लार्ज और मिड कैप कंपनियों में निवेश करने का निरंतर अवसर है जो भारत की ग्रोथ स्टोरी का लाभ उठा सकते हैं। ऐसी कंपनियां लंबे समय तक कैपिटल-एफिशिएंट तरीके से तेज ग्रोथ से पूंजी का संयोजन (कंपाउंड कैपिटल) जारी रख सकती हैं। इस तरह से हाई ग्रोथ और अच्छे क्वालिटी वाले शेयरों का एक डाइवर्सिफाइड पोर्टफोलियो एक मजबूत रिटायरमेंट फंड बनाने में मदद कर सकता है।
इस फंड के पास सभी सेक्टर में एक डाइवर्सिफाइड पोर्टफोलियो होगा। फंड में बाजार के लार्ज कैप, मिडकैप और स्मॉल कैप सेगमेंट के लिए कम से कम 25 फीसदी आवंटन होगा। इस फंड द्वारा दीर्घकालिक विकास क्षमता और टिकाऊ बिजनेस मॉडल वाली कंपनियों को निवेश में प्राथमिकता दी जाती है। पोर्टफोलियो का निर्माण टॉप-डाउन और बॉटम-अप पोर्टफोलियो निर्माण प्रक्रिया के संयोजन का उपयोग करके किया जाएगा, जिसमें प्रबंधन की गुणवत्ता और प्रचलित मूल्यांकन सहित हर स्टॉक के फंडामेंटल पर फोकस किया जाएगा।
