जयपुर/कासं। जयपुर विकास प्राधिकरण ने आर्थिक हालात सुधारने और ग्रामीण इलाकों में खाली पड़ी जमीनों के उपयोग करने के लिए पिछले दस साल में 50 से ज्यादा कॉलोनियां बसा दी, लेकिन उनका आधारभूत विकास नहीं किया। सड़क, बिजली, पानी सहित अन्य सुविधाएं भी नहीं है। वहीं रियल एस्टेट मार्केट में आई गिरावट के बाद डिमांड कम हो गई है। इस कारण इन कॉलोनियों में अब लोग रुचि नहीं दिखा रहे हैं। पहले एक स्कीम में कई गुणा तक आवेदन आते थे, लेकिन अब इनकी संख्या घटने लगी है।
जेडीए की आवासीय कॉलोनियों में दो साल पहले तक आवेदन करने वालों की होड़ मची रहती थी, लेकिन अब भूखंडों से आधे आवेदन ही हो रहे हैं। जेडीए की फागी रोड पर बसी रोहिणी एन्क्लेव आवासीय योजना में खाली पड़े 457 भूखंडों के लिए केवल 766 आवेदन ही आए हैं। इसमें भी छोटे भूखंडों की रेट आरक्षित दर की 25 फीसदी होने के कारण 34 भूखंडों के लिए 614 आवेदन आए हैं। 252 वर्ग मीटर के भूखंडों की रेट आरक्षित दर का 115 फीसदी यानी 8050 रुपए प्रति वर्ग मीटर होने के कारण 176 भूखंडों के लिए केवल 50 आवेदन ही जमा हुए हैं। आवेदन करने की अंतिम तारीख 25 अगस्त थी। जेडीए की कई कॉलोनियों में भूखंड खाली पड़े हैं। जेडीए ने पिछले महीने फागी रोड की रोहिणी एन्क्लेव के 457 भूखंडों के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे, लेकिन लोगों को रुझान कम रहा। 135 वर्ग गज 252 वर्ग मीटर के भूखंड के लिए आवेदन करने वालों को बिना लॉटरी के ही भूखंड मिलना तय है। लोगों का कहना है कि रोहिणी एन्क्लेव आवासीय योजना में एक साल पहले भूखंड लेने वाले परेशान है। जेडीए यहां पर आधारभूत सुविधाएं विकसित नहीं कर रहा है। जेडीए जोन -14 के डिप्टी कमिश्नर सुरेंद्र यादव को कई बार शिकायत करने ज्ञापन देने के बाद भी सुधार नहीं हुआ है।
आधारभूत सुविधाएं नहीं होने से जेडीए की आवासीय योजनाओं में रुचि नहीं ले रहे लोग
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