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नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (आर.बी.आई.) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने गैर निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) के लिए ‘अति आशावादी बैंकर्स और ‘पॉलिसी पैरालिसिस को जिम्मेदार ठहराया है। एक संसदीय समिति को भेजे अपने जवाब में राजन ने यह बात कही। राजन ने मुरली मनोहर जोशी की अध्यक्षता वाली समिति को बताया कि बैंकों ने बड़े लोन देने में सावधानी नहीं बरती। 2008 में आई आर्थिक मंदी के बाद उनको उतना लाभ नहीं हुआ जितनी उन्होंने उम्मीद की थी। पूर्व आरबीआई गवर्नर ने ये भी बताया कि बैंकों ने जोंबी लोन को नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स में बदलने से बचाने के लिए और अधिक लोन दिए।