नई दिल्ली/एजेंसी। फ्रांस ने जलवायु परिवर्तन पर पेरिस में हुए समझौते पर किसी भी तरह के पुनर्विचार से इंकार किया है। उसने कहा कि पेरिस समझौते से अमेरिका के हटने का प्रभाव पड़ेगा लेकिन यह समझौता जलवायु परिवर्तन पर सभी वैश्विक कार्रवाई की नींव रहेगा। फ्रांस की इकोलॉजिकल और इंक्लूसिव ट्रांजिशन राज्य मंत्री बू्रनी पोयर्नसन ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग की मार झेल रहे छोटे देश अमेरिका के फैसले से निराश हैं। कार्बन डाइआक्साइड उत्सर्जन वाले दुनिया के दूसरे सबसे बड़े देश के हटने से प्रभाव तो पड़ेगा ही। हालांकि उन्होंने उम्मीद जताई की जर्मनी के बॉन में होने वाली संयुक्त राष्ट्र की सीओपी-23 बैठक में पेरिस समझौते के नियमों और तकनीकियों को लागू करने की दिशा में ठोस प्रगति होगी। पोयर्नसन ने पेरिस समझौते को मजबूत करने में प्रधानमंत्री मोदी की भूमिका की सराहना की। वह हाल ही में तीन दिवसीय भारत दौरे पर आई थीं। ई-मेल के जरिये विशेष बातचीत में उन्होंने कहा कि जी-7 और जी-20 शिखर बैठक के दौरान नेताओं ने कहा था कि पेरिस समझौते पर फिर से बातचीत नहीं होगी। गौरतलब है कि दिसंबर 2015 में 190 देशों ने पेरिस समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। जून 2016 में पद संभालने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने समझौते से हटने और इस पर फिर से बातचीत करने की घोषणा की।
पेरिस समझौते पर पुनर्विचार नहीं : फ्रांस
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