नई दिल्ली। अंतर्राष्टï्रीय बाजार में लालमिर्च की कीमत पिछले करीब एक महीने से स्थिर बनी हुई है। इतना ही नहीं, एक वर्ष पूर्व की तुलना में लालमिर्च करीब 37 प्रतिशत नीची भी बनी हुई है। आगामी समय में हाजिर में लालमिर्च की तेजी पर अस्थाई ब्रेक लग सकता है।
अंतर्राष्टï्रीय बाजार में भारतीय लालमिर्च बीते करीब एक महीने से 2.42 डॉलर प्रति किलोग्राम पर बनी हुई है। गत वर्ष की आलोच्य अवधि में यह 3.85 डॉलर पर बनी हुई थी। स्पष्टï है कि भारतीय लालमिर्च की अंतर्राष्टï्रीय कीमत 1.43 डॉलर या 37.14 प्रतिशत नीची बनी हुई है। अंतर्राष्टï्रीय कीमत तुलनात्मक रूप से नीची होने के कारण निर्यातकों के लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है। बहरहाल, गुंटूर मंडी में पिछले कुछ दिनों से लालमिर्च की करीब 50-55 हजार बोरियों की आवक होने की जानकारी मिली। गुंटूर में 334 नम्बर लालमिर्च फिलहाल 5000/ 5500 रुपए प्रति क्विंटल पर बनी हुई है। इसी प्रकार 341 नम्बर भी 7200/7700 रुपए पर रुकी रही। अन्य किस्मों में भी स्थिरता बनी रही। उधर, तेलंगाना की वारंगल मंडी में भी लालमिर्च की करीब 3/4 हजार बोरियों की आवक होने की जानकारी मिली। 341 नम्बर लालमिर्च फिलहाल 4300/5800 रुपए के स्तर पर बनी हुई है। लालमिर्च में स्थिरता बनी होने का प्रमुख कारण यह है कि मानसून सीजन होने के कारण बंगलादेश, श्रीलंका जैसे पड़ौसी देशों और परम्परागत आयातक देशों की हल्की-फुल्की मांग को छोडक़र अन्य किसी भी देश की कोई खास मांग नजर नहीं आ रही है। इधर, स्थानीय थोक किराना बाजार में लालमिर्च 334 नम्बर फिलहाल 5000/6000 रुपए प्रति क्विंटल पर स्थिर बनी हई है। बिजाई बढऩे तथा अनुकूल मौसम के कारण इस बार लालमिर्च के उत्पादन में भारी वृद्धि होने के अनुमान व्यक्त किए जा रहे हैं जबकि केन्द्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा हाल ही में जारी किए गए अनुमानों में बताया गया है कि पिछले सीजन की तरह ही इस बार भी देश में लालमिर्च का उत्पादन 15.20 लाख टन ही होने का अनुमान है। रुपए की तुलना में अमेरिकी डॉलर हाल ही में थोड़ा कमजोर हुआ है लेकिन इसके बाद भी यह तुलनात्मक रूप से ऊंचा बना हुआ है। इससे निर्यातकों की सक्रियता बढऩे की उम्मीद है। अंतर्राष्टï्रीय बाजार की आकर्षक कीमत के बाद भी वित्त वर्ष 2016-17 लालमिर्च का मात्रात्मक निर्यात 15 प्रतिशत तथा आय 27 प्रतिशत उछली। मसाला बोर्ड के उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार अप्रैल-मार्च, 2016-17 में 5070.75 करोड़ रुपए कीमत की 4,00,250 टन लालमिर्च का निर्यात हुआ है। इसकी तुलना में बीते वित्त वर्ष में इसकी 3,47,500 टन मात्रा का निर्यात हुआ था और इससे 3997.43 करोड़ रुपए की आय हुई थी। बोर्ड ने आलोच्य वित्त वर्ष के लिए 4200 करोड़ रुपए कीमत की 3.50 लाख टन लालमिर्च के निर्यात का लक्ष्य तय किया था। इन आंकड़ों से स्पष्टï है कि इस बार लालमिर्च के निर्यात से प्राप्त आय में जहां 27 प्रतिशत का उछाल आया जबकि मात्रा की दृष्टिï से यह केवल 15 प्रतिशत बढ़ा। आगामी समय में लालमिर्च की तेजी पर अस्थाई ब्रेक लग सकता है। (एनएनएस)
