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दुनिया का सबसे छोटा और बिना तार का पेसमेकर लगाकर मरीज की जान बचाई

by Business Remedies
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बिजऩेस रेमेडीज/जयपुर
67 वर्षीय मरीज की दिल की धडक़न सिर्फ 28 तक रह गई थी जोकि सामान्यत: 72 होती है। ऐसे में मरीज के लिए वह नवीतम तकनीक वरदान साबित हुई जो अब तक देश के चुनिंदा जगहों में ही इस्तेमाल हुई है। शहर के रुक्मणी बिरला हॉस्पिटल में डॉक्टर्स ने बिना तार वाला कैप्सूल साइज का पेसमेकर लगाकर मरीज की जान बचाई। सीनियर इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. रुद्र देव पांडेय ने नई तकनीक माइक्रा ए.वी. जोकि एक ड्यूल चैंबर लीड लेस पेसमेकर है, मरीज में सफलतापूर्वक इंप्लांट किया और उनकी दिल की धडक़न को सामान्य किया। अभी तक देश के कुछ ही अस्पतालों में यह प्रोसीजर किया गया है और अब यह तकनीक राजस्थान में भी इस्तेमाल की जाने लगी है।
सामान्य पेसमेकर लगाते तो इंफेक्शन का खतरा था : मरीज का हृदय सिर्फ 40 प्रतिशत ही काम कर रहा था और उन्हें डायबिटीज व किडनी संबंधित समस्याएं भी थीं। पूर्व में भी उन्हें दो स्टेंट लग चुके थे। डॉ. रुद्र देव पांडेय ने बताया कि ऐसे मामलों में मरीज को सामान्य पेसमेकर लगाया जाए तो उन्हें इंफेक्शन होने की संभावना थोड़ी ज्यादा होती है और प्रोसीजर के दौरान भी कई चुनौतियां सामने आती हैं। इसीलिए हमने नवीनतम ड्यूल चैंबर लीड लेस पेसमेकर लगाने का निर्णय लिया। मरीज जब रात को इमरजेंसी पहुंचे तो हमने तुरंत अस्थाई पेसमेकर लगाकर पहले हृदय की धडक़न को सामान्य किया।
सामान्य एंजियोग्राफी की तरह हो जाता है इंप्लांट : जिस तरह जांघ की नस से सामान्य एंजियोग्राफी की जाती है, उसी तरह यह पेसमेकर भी इंप्लांट किया जा सकता है। सामान्य पेसमेकर के लिए मरीज को कट लगाना पड़ता है और हृदय में भी तार डाले जाते हैं। जबकि इस तकनीक में सिर्फ इंटरवेंशन प्रोसीजर के जरिए मरीज के राइट वेंट्रीकुलर चैंबर में इसे इंप्लांट कर दिया जाता है जहां से वह एट्रीयल ऐक्टिविटी सेन्स कर के वेंट्रिकल को पेस कर देता है । डॉ. रुद्र देव पांडेय ने जानकारी दी कि यह डे केयर प्रोसीजर है जिसमें सुबह भर्ती होकर शाम को मरीज घर जा सकता है। इसकी बैटरी लाइफ भी सामान्य पेसमेकर जितनी होती है और इसे कम उम्र के मरीजों में भी इंप्लांट किया जा सकता है। दुनिया के सबसे छोटे पेसमेकर का वजन सिर्फ दो ग्राम है जो कि सामान्य पेस मेकर से 93 प्रतिशत छोटा हैं। उन्होंने बताया कि कुछ समय पहले सिंगल चैंबर का लीड लेस पेसमेकर भी आया था लेकिन माइक्रा एवी हार्ट के दो चैंबर को मैनेज करने में सक्षम है।

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