बिजनेस रेमेडीज/नई दिल्ली। इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) जैसी नई प्रौद्योगिकियों की तेजी से स्वीकार्यता के लिए शुल्क ढांचे का तर्कसंगत होना महत्वपूर्ण है। बीएमडब्ल्यू गु्रप इंडिया के अध्यक्ष विक्रम पावाह ने यह बात कही। उन्होंने मौजूदा और साथ ही देश में प्रवेश करने के इच्छुक नई कंपनियों के लिए कराधान के मामले में समान अवसर पर जोर दिया। पावाह ने कहा, “सरकार से हमारा हमेशा से यह कहना रहा है कि यदि आप नई प्रौद्योगिकियों को तेजी से अपनाना चाहते हैं और फिर स्थानीयकरण चाहते हैं, तो शुल्क ढांचे को कुछ तर्कसंगत बनाने की जरूरत है।” उन्होंने कहा कि यदि शुल्क कम होते हैं, तो इससे कंपनियां ग्राहक को उत्पाद सही कीमत पर पेश कर सकती हैं। पावाह ने कहा कि मांग पैदा होने के बाद उत्पादों का स्थानीयकरण किया जा सकता है जैसा कि बीएमडब्ल्यू देश में परिचालन शुरू करने के बाद से कर रही है। वर्तमान में पूर्ण निर्मित इकाई (सीबीयू) के रूप में आयातित कारों पर 60-100 प्रतिशत का सीमा शुल्क लगता है। अमेरिका की प्रमुख ईवी कंपनी को कुछ रियायतें देने पर के बारे में पावाह ने कहा, ‘‘हम किसी भी प्रकार के अधिमान्य समाधान का सुझाव नहीं देते हैं। सभी के लिए एक समान अवसर होना चाहिए, चाहे वह नया खिलाड़ी हो, या बाजार में पिछले दो दशक से हो।’’
