नई दिल्ली/एजेंसी- विशाल सिक्का के इस्तीफे के बाद नंदन निलेकणि को इंफोसिस में नॉन एक्जिक्यूटिव चेयरमैन बनाया गया है। इसके साथ ही आर शेषशायी और वेंकेंटेशन का इस्तीफा मंजूर हो गया है। नीलेकणि ने अपनी पहली कांफ्रेंस कॉल में नियुक्ति के लिए बोर्ड के सभी सदस्यों का शुक्रिया किया।
उन्होंने कहा कि इंफोसिस के नॉन एक्जिक्यूटिव चेयरमैन के रूप में मेरी जिम्मेदारी कंपनी के संचालन और कामकाज पर निगाह रखना तथा नए मुख्य कार्यपालक अधिकारी की तलाश में मदद करना है। बता दें कि 10 साल के बाद इनकी इंफोसिस में वापसी हुई है। नीलेकणि 2002 से 2007 तक कंपनी के सी.ई.ओ. थे।
उन्होंने कहा कि मैं एन आर नारायण मूर्ति का प्रशंसक हूं, मेरा प्रयास रहेगा कि इंफोसिस, नारायण मूर्ति और अन्य संस्थापकों के बीच संबंध अच्छे रहें। इंफोसिस की रणनीति, मार्गदर्शन और आय आदि का अनुमान लगाना अभी मेरे लिए जल्दीबाजी होगी, मैं कंपनी संचालन के सर्वोच्च आदर्शों के अनुपालन के लिए प्रतिबद्ध हूं।
साथ ही उन्होंने कहा कि मैं अपनी रणनीति के बारे में और विवरण अक्तूबर में दूंगा, मैं कंपनी में पूरी तरह स्थायित्व लाना चाहता हूं और चाहता हूं कि इंफोसिस में किसी भी तरह का मनमुटाव न हो।
निलेकणि ने सामूहिक कानूनी कार्यवाही के जोखिम का उल्लेख किया और कहा कि ये चीजें कंपनी के वकील देखेंगे, हमारा ध्यान कारोबार पर होगा।
अक्टूबर में नई स्ट्रटेजी, कारोबार पर रहेगा ध्यान : निलेकणि
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