नई दिल्ली/एजेंसी। देश में नए फार्मेसी कॉलेज खोलने पर रोक लग सकता है। ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) के हितधारकों की बैठक में कहा गया कि देश में अब और फार्मेसी कॉलेजों को मान्यता देने से इस क्षेत्र में बेरोजगारी बढ़ेगी और शिक्षा का स्तर गिरेगा। बैठक में सुझाव दिया गया कि नए फार्मेसी कॉलेज खोलने पर पांच साल तक के लिए रोक लगा दी जानी चाहिए। इस दौरान मौजूदा कॉलेजों का निरीक्षण किया जाना चाहिए, ताकि पता लगाया जा सके कि इनका शैक्षणिक स्तर क्या है। इस मकसद से एआईसीटीई और फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया की टीमें मिलकर निरीक्षण का काम करेंगी। देश में फार्मेसी शिक्षा की शुरुआत 1932 में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से हुई थी। तब वहां बी. फार्मा कोर्स शुरू किया गया था। आज देश में 1200 फार्मेसी कॉलेज हैं और यहां करीब एक लाख स्टूडेंट्स पढ़ते हैं। इसके अलावा डिप्लोमा देने वाले संस्थान भी बड़ी संख्या में हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि हर साल इतने छात्रों को ही जब नौकरी नहीं मिल पाती तो और कॉलेज खोलने से बेरोजगारी बढ़ेगी। उनका कहना है कि मौजूदा कॉलेजों के स्तर को ही सुधारने की जरूरत है ताकि छात्रों को यहां स्तरीय शित्रा और सुविधाएं मिल सकें
नये फार्मेसी कॉलेजों पर 5 साल तक लग सकती है रोक
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