Monday, February 17, 2025 |
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कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों को उद्योगों के साथ-साथ कृषि से भी जोडऩे की आवश्यकता : पंवार

by admin@bremedies
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जयपुर/कासं। राजस्थान कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति ललित के. पंवार ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में कौशल प्रशिक्षण की अपार संभावनाएं है ऐसे में कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों को उद्योगों के साथ-साथ कृषि से भी जोडऩा चाहिए। पंवार दुर्गापुरा स्थित राज्य कृषि प्रबंधन संस्थान के सभागार में ‘कृषि क्षेत्र में कौशल विकास की क्षेत्रीय कार्यशालाÓ को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि स्किल को अपडेट करने की जरुरत है तथा हार्ड स्क्लि के साथ सॉफ्ट स्क्लि को भी विकसित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का विजन है कि भारत दुनिया का स्किल कैपिटल बने, कृषि के क्षेत्र में कौशल प्रशिक्षण को बढ़ाना इसी क्षेत्र में कदम होगा। उन्होंने कहा कि कृषि के क्षेत्र में इन अनवरत कार्यों से भारत शीघ्र ही कौशल विकास में सर्वोपरि बनेगा।
पंवार ने कहा कि युवाओं को कृषि से संबधित विविध क्षेत्रों में अध्ययन करवाया जाना चाहिए जिससे वे हुनरमंद बनकर इस क्षेत्र में नवीनतम प्रौद्योगिकी को बढ़ावा दे सकें। उन्होंने कहा कि कृषि विशेषज्ञों को कृषकों के मनोविज्ञान पर भी अध्ययन कर उन्हें तनावमुक्त कृषि का भी प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। जिससे किसानों की आत्महत्या जैसे प्रकरण न हों।
इस अवसर पर केन्द्रीय कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव अमिताभ गौतम ने कहा कि सरकार किसानों में कौशल प्रशिक्षण को बढ़ाने के लिए विभिन्न क्षेत्रीय वर्कशॉप का आयोजन कर रही है। जिससे कृषि से जुड़े कौशल प्रशिक्षण कायक्रमों के माध्यम से किसान जागरूक हो सकें। इन वर्कशॉप में युवाओं को कृषि के क्षेत्र में केरियर अवसरों के बारे में जानकारी देकर रूचि बढ़ाई जाती है। उन्होंने कहा कि कौशल प्रशिक्षण के क्षेत्र में कृषि आधारित पाठ्यक्रम को शुरू करने की आवश्यकता है।
कार्यशाला में स्वामी केशवानन्द कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति बी.आर.छीपा ने कहा कि राज्य के ग्रामीण अंचलों में कृषक विशेष तरीके के नवाचार कर रहे हैं जिससे फसल का उत्पादन बढ़ सके। ऐसे नवाचारों को बढ़ावा देना चाहिए। साथ ही किसानों को भी नवीनतम कृषि प्रौद्योगिकी का उपयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए क्षेत्र विशेष के अनुसार कौशल विकास योजनाओं का विकास किया जाना चाहिए। वर्कशॉप में विभिन्न सत्र आयोजित किए गये। जिनमें कृषि में कौशल विकास योजनाओं का क्रियान्यवयन, कृषि एवं संबंधित क्षेत्र में कुशल मानव संसाधन की आवश्यकता, कृषि एवं संबधित क्षेत्र में कौशल विकास प्रशिक्षण के लिए एसएयू एवं आईसीएआर की भूमिका एवं जिम्मेदारी जैसे विषयों पर गहनता से चर्चा की गई। कार्यक्रम के अंत में राज्य कृषि प्रबंधन संस्थान के निदेशक शीतल प्रसाद ने सभी का आभार व्यक्त किया।



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