नई दिल्ली/एजेंसी- मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने बताया कि एनसीईआरटी द्वारा प्रकाशित स्कूली टेक्स्टबुक की चल रही समीक्षा के दौरान इन किताबों में 1,300 से ज्यादा तथ्यात्मक त्रुटियां सामने आई हैं।
उन्होंने बताया कि टेक्स्टबुक्स में करेक्शन के लिए मिले 2,500 सुझावों के लिए करीब 900 शिक्षकों को भेजा गया है। इस साल के शुरू में एनसीईआरटी ने अपनी किताबों की समीक्षा करने का फैसला लिया क्योंकि उन किताबों को करीब एक दशक पहले लिखा गया था और उनको अपडेट करने की जरूरत है।
नेशनल करिकुलम फे्रमवर्क 2005 के गठन के बाद 2007 में किताबों को छापा गया था। एनसीईआरटी ने तथ्यात्मक त्रुटियों का पता लगाने और उनको सही करने के लिए शिक्षकों से सुझाव मांगे थे।
जावडेकर ने कहा कि किताबों में संशोधन नहीं किया जा रहा है बल्कि तथ्यात्मक त्रुटियों की समीक्षा की जा रही है। किताबों का पुनरीक्षण और करिकुलम फ्रेमवर्क एक पॉलिसी से जुड़ा मामला है और किताबों की समीक्षा का मतलब खाइयों को पाटना है।
एनसीईआरटी की किताबों में 1300 से ज्यादा तथ्यात्मक त्रुटियां
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