बिजऩेस रेमेडीज/लक्ष्मणगढ़
लक्ष्मणगढ़ स्थित मोदी विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ लॉ के अन्र्तगत 21 फरवरी को अमृत काल-ं सन 2047 तक विकसित भारत के तत्वाधान कानूनी जागरूकता के माघ्यम से महिला सशक्तिकरण के अन्र्तगत भारत में आरक्षण प्रणाली वरदान या अभिशाप विषय पर वाद विवाद प्रतियोगिता का आयोजन हुआ।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश, पारिवारिक न्यायालय, चूरू के न्यायाधीश नेपाल सिंह तथा राजस्थान विश्वविद्यालय की विधि संकाय की पूर्व अधिष्ठाता एवं प्रोफेसर डॉक्टर मृदुल श्रीवास्तव जी, दोनों ही वक्ताओं ने मोदी विश्वविद्यालय की छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि केवल महिला सशक्तिकरण हेतु विधि बनाना ही पर्याप्त नहीं है अपितु महिलाओं को उनकी जानकारी प्रदान करना भी आवश्यक है। यह दायित्व विश्वविद्यालय की छात्राओं एवं शिक्षकों द्वारा विधिक शिक्षा के माध्यम से निभाया जा सकता है। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के प्रेसिडेंट डॉ. शशी बाला सिंह, डीन एकेडमिक प्रो. डॉ. अनिल सरोलिया तथा स्कूल आफ लॉ की डीन प्रोफेसर डॉक्टर चंदनबाला ने भी अपने विचार व्यक्त किए तथा सरकार द्वारा महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए जारी की गई विभिन्न योजनाओं के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि यदि सही मायने में इन योजनाओं का क्रियान्वयन होता है तो महिलाओं के भीतर छिपी प्रतिभा से समाज को बहुत लाभ होगा तथा विकसित भारत की संकल्पना में यह बहुत महत्वपूर्ण होगा। स्कूल आफ लॉ द्वारा एक वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें पांच स्कूल तथा मोदी विद्यालय के प्रतिभागियों ने भाग लिया। प्रत्येक टीम ने अपने-अपने पक्ष को प्रभावि ढंग से प्रस्तुत किया। दोनों वक्ताओं ने ही निर्णायकों की भूमिका निभाई। कार्यक्रम का प्रारंभ प्रोफेसर डॉक्टर शशी बाला सिंह, प्रेसिडेंट मोदी विश्वविद्यालय की स्वागत उद्बोधन से हुआ, उन्होंने कहा कि चाहे हम दूसरे के विचार से सहमत नहीं हो पाए पर हमें दूसरों के विचारों को प्रकट करने के अवसर अवश्य प्रदान करने चाहिए। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के विभिन्न स्कूलों के डीन, शिक्षकगण एवं छात्राएं उपस्थित रहे। डॉ. पूजा जैन ने वाद विवाद प्रतियोगिता का संचालन किया, डॉ. अदिति शर्मा एवं डॉ. अपूर्वा ने उनका सहयोग किया। अंत में डॉ अपूर्वा ने सभी उपस्तित जन का आभार व्यक्त किया।
उक्त वाद विवाद प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर बी.आर. अंबेडकर टीम, स्कूल ऑफ लॉ रही। द्वितीय स्थान पर के. एम. मुंशी टीम, स्कूल ऑफ लिबरल आट्र्स एंड साइंसेज, तृतीय स्थान पर डी.पी. खेतान, स्कूल ऑफ बिजनेस रहे। मोदी विद्यालय की छात्राओं की प्रस्तुति से सभी उपस्थित श्रोताओं को प्रभावित किया और उन्हें विशेष रूप से पुरस्कृत किया गया। मोदी विष्वविद्यालय के पीआरओ राजीव सिंह ने बताया कि मोदी विष्वविद्यालय छात्राओं के विकास के साथ उन्हें सामाजिक, राजनीतिक जैसे विभिन्न पहलूओं पर भी जागरूक, करने के लिए सतत् प्रयास करते के साथ ही साथ उचित मंच भी प्रदान करती है।
