नई दिल्ली। देश का निर्यात मई महीने में 3.93 प्रतिशत बढ़कर 30 अरब डॉलर पर पहुंच गया। वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार रसायन, फार्मास्युटिकल्स और इंजीनियरिंग क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन की वजह से निर्यात बढ़ा है। आंकड़ों के अनुसार मई में आयात भी 4.31 प्रतिशत बढ़कर 45.35 अरब डॉलर रहा। इस तरह व्यापार घाटा बढ़कर 15.36 अरब डॉलर पर पहुंच गया। मई, 2018 में निर्यात और आयात का अंतर 14.62 अरब डॉलर रहा था। समीक्षाधीन महीने में कच्चे तेल का आयात 8.23 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 12.44 अरब डॉलर रहा, जबकि गैर तेल आयात 2.9 प्रतिशत बढ़कर 32.91 अरब डॉलर पर पहुंच गया। मई में सोने का आयात 37.43 प्रतिशत बढ़कर 4.78 अरब डॉलर पर पहुंच गया। चालू वित्त वर्ष के पहले दो माह अप्रैल-मई में निर्यात 2.37 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 56 अरब डॉलर रहा है। इस दौरान आयात 4.39 प्रतिशत बढ़कर 86.75 अरब डॉलर पर पहुंच गया। इस तरह अप्रैल-मई में व्यापार घाटा 30.69 अरब डॉलर रहा है।
अप्रैल में देश का सेवाओं का निर्यात 2.8 प्रतिशत बढ़ा: देश से सेवाओं का निर्यात अप्रैल महीने में 2.8 प्रतिशत बढ़कर 18.06 अरब डॉलर पर पहुंच गया। रिजर्व बैंक के आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है। अप्रैल, 2018 में सेवाओं का निर्यात 17.56 अरब डॉलर रहा था। रिजर्व बैंक के सेवाओं के अंतरराष्ट्रीय व्यापार के आंकड़ों के अनुसार अप्रैल में सेवाओं का भुगतान या आयात 4.6 प्रतिशत बढ़कर 11.4 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष के समान महीने में 10.92 अरब डॉलर था। सेवाओं के मासिक आंकड़े अस्थायी होते हैं और तिमाही आधार पर भुगतान संतुलन (बीओपी) के आंकड़े आने के बाद इनमें संशोधन होता है। निर्यातकों के प्रमुख संगठन फियो के अध्यक्ष गणेश कुमार गुप्ता ने कहा कि मई में निर्यात में वृद्धि मामूली रही। इस वजह वैश्विक व्यापार में सुस्ती है। गुप्ता ने कच्चे तेल के आयात का बिल बढऩे की वजह से व्यापार घाटे में बढ़ोतरी पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि सरकार को वस्तुओं के निर्यातकों के लिए ऋण की उपलब्धता, ऋण की लागत के साथ सभी कृषि निर्यात पर ब्याज सब्सिडी के मुद्दे पर ध्यान देना चाहिए।
