नई दिल्ली। वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि कृषि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सरकार राज्यों को परिवहन सब्सिडी देने के बारे में विचार कर रही है। मौजूदा समय में, पूर्वोत्तर क्षेत्र के राज्य ही कुल लागत के 90 प्रतिशत तक परिवहन सब्सिडी के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि यहां व्यापार विकास और संवर्धन परिषद (सीटीडीपी) की बैठक में कई अन्य मामलों के साथ परिवहन सब्सिडी प्रदान करने के मुद्दे पर चर्चा की गई। बैठक में कर्नाटक, पंजाब और तमिलनाडु सहित कई राज्यों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
प्रभु ने कहा, राज्यों को थोड़ी परिवहन सब्सिडी प्रदान करने के बारे में सक्रियता के साथ विचार किया जा रहा है ताकि पर्याप्त रूप से कृषि निर्यात हो सके। हमें कुछ औपचारिकताओं को पूरा होने का इंतजार है। ऐसी योजनाओं के तहत, एक निश्चित अवधि के लिए कच्चे माल और तैयार माल के परिवहन के लिए सब्सिडी प्रदान की जाती है। सरकार ने हाल ही में वर्ष 2022 तक कृषि निर्यात को दोगुना बढ़ाकर 60 अरब डॉलर करने के ध्येय के साथ एक कृषि निर्यात नीति को मंजूरी प्रदान की। उन्होंने यह भी कहा कि राज्यों ने निर्यात संबंधी बुनियादी ढांचे में सुधार से संबंधित मुद्दों को उठाया। उन्होंने कहा, हमने उस बुनियादी ढांचे को विकसित करने के लिए राज्यों के साथ मिलकर काम करने का फैसला किया है। हम इसके बिना कृषि निर्यात नहीं कर सकते।
निर्यातकों की ऋण संबंधी समस्या के बारे में उन्होंने कहा कि वित्तीय सेवा सचिव इस मुद्दे पर बैंकों और निर्यात संवर्धन परिषदों के साथ बैठक करेंगे। प्रभु ने कहा कि निर्यातकों को ऋण देने को प्राथमिकता वाले क्षेत्र के रिण के बतौर समझा जाना चाहिए क्योंकि हाल के दिनों में उनके वित्तपोषण में भारी गिरावट आई है। उन्होंने कहा कि निर्यातकों को ऋण की मात्रा लगभग आधी हो गई है।
