नई दिल्ली। प्रधानमंत्री जनधन योजना (पीएमजेडीवाई) में खाताधारकों की संख्या 32 करोड़ से ज्यादा पहुंच गई है। वित्त मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार पांच सितंबर तक कम-से-कम 20 लाख लोग इस योजना में शामिल हुए हैं। इसके साथ वित्तीय समावेश के इस प्रमुख कार्यक्रम में खाताधारकों की कुल संख्या बढक़र 32.61 करोड़ हो गई है। इस महीने की शुरुआत में सरकार ने पीएमजेडीवाई को उच्च बीमा कवच के साथ खुली अवधि वाली योजना के रूप में दोबारा शुरू कर दिया और ओवरड्राफ्ट (ओडी) सुविधा को दोगुना कर दिया।
हर घर से हर वयस्क का होगा खाता: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 14 अगस्त को समाप्त हुई चार साल की अवधि से आगे इस योजना को जारी रखने का फैसला किया जिसका उद्देश्य औपचारिक बैंकिंग प्रणाली को “हर घर से हर वयस्क” तक ले जाना है। वित्त मंत्रालय के आंकड़े के अनुसार 15 अगस्त से 5 सितंबर की अवधि के दौरान, 32.61 पीएमजेडीवाई खातों में कुल जमा में 1,266.43 करोड़ रुपये की वृद्धि देखी गई।
82,490.98 करोड़ रुपए हैं जमा: पीएमजेडीवाई खातों में बचा शेष धन 5 सितंबर को 82,490.98 करोड़ रुपये था। संशोधित योजना के तहत, 28 अगस्त के बाद नए पीएमजेडीवाई खातों के तहत नए रुपे कार्डधारकों के लिए आकस्मिक बीमा कवर एक लाख से बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दिया गया है। इसके अलावा, 5,000 रुपये की मौजूदा ‘ओवर ड्राफ्ट’ (ओडी) सीमा बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दी गयी है। इसके अलावा, 2,000 रुपये तक के ओडी के लिए कोई शर्त नहीं जुड़ी होगी।
महिलाओं की हिस्सेदारी 53 प्रतिशत: पीएमजेडीवाई खाताधारकों का लगभग 53 प्रतिशत महिलाएं हैं, जबकि कुल खातों में से 83 प्रतिशत आधार से जुड़े हैं।आंकड़ों से यह भी पता चला है कि 28 अगस्त के बाद पीएमजेडीवाई खाते खोलने वाले करीब 7.18 लाख लोग 2 लाख रुपये के आकस्मिक बीमा कवर का लाभ उठा सकते हैं। अगस्त 2014 में शुरू पीएमजेडीवाई के पहले चरण में बुनियादी बैंक खातों और रुपे डेबिट कार्ड खोलने पर ध्यान केंद्रित किया गया जिसमें 1 लाख रुपये के अंतर्निहित दुर्घटना बीमा कवर शामिल था। इसके अलावा, यह छह महीने के बाद 5000 रुपये की ओडी सुविधा के साथ बुनियादी बैंकिंग खाते की सुविधा प्रदान करता है।
जनधन खाताधारकों की संख्या 32.61 करोड़ हुई
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