इनकम टैक्स विभाग ने वित्त वर्ष 2016-17 मे 13,715 करोड रुपए की अघोषित आय का पता लगाया है। पिछले वित्त वर्ष मे आयकर विभाग ने 1,152 समूहो के 5,102 परिसरो मे तलाशी ली, जिस दौरान 15,496 करोड रुपए की अघोषित आय का पता लगाया गया।
इनकम टैक्स विभाग ने वित्त वर्ष 2016-17 मे 13,715 करोड रुपए की अघोषित आय का पता लगाया है। वित्त राज्य मंत्री अशोक कुमार गंगवार ने यह जानकारी संसद मे दी। उन्होने बताया कि सर्वे के जरिये इस अघोषित आय का पता लगाया गया है। एक प्रश्न के लिखित उत्तर मे उन्होने बताया कि पिछले वित्त वर्ष मे कम से कम 1.26 करोड ̧नए करदाता बने है ́। पिछले वित्त वर्ष मे आयकर विभाग ने 1,152 समूहो के 5,102 परिसरो मे तलाशी ली, जिस दौरान 15,496 करोड रुपए की अघोषित आय का पता लगाया गया।
गंगवार ने कहा कि समान अवधि के दौरान किए गए 12,526 सर्वे मे 13,715 करोड रुपए की अघोषित आय का पता लगाया गया। उन्होने कहा कि 9 नवबर 2016 से 31 मार्च 2017 के बीच कुल 1.96 करोड ̧इनकम टैक्स रिटर्न भरे गए,जबकि वर्ष 2015-16 की समान अवधि मे 1.63 करोड ̧रिटर्न दाखिल किए गए थे। एक अन्य उत्तर मे ́गंगवार ने कहा कि ऑपरेशन क्लीन मनी के पहले चरण मे ́18 लाख ऐसे लोगो की पहचान की गई है, जिनका नगद लेनदेन उनके टैक्स प्रोफाइल से मेल नही खाता है। सरकार ने कालेधन को समाप्त करने के लिए 8 नवबर 2016 को 500 और 1000 रुपए के नोटो को चलन से बाहर कर दिया था और इन नोटो को बैक खाते मे जमा करने के लिए कहा था।
गंगवार ने बताया कि नोटबंदी के बाद अघोषित आय का पता लगाने के लिए इनकम टैक्स विभाग ने ऑपरेशन क्लीन मनी लॉन्च किया था। इसके दूसरे चरण मे , जो मई मे लॉन्च किया गया था, विभाग ने जोखिम आधारित श्रेणी बनाई थी। एक लाख लोगो ́को उच्च जोखिम श्रेणी मे ́रखा गया है। 7.54 लाख को मध्यम जोखिम और 5.95 लाख लोगो को निम्न जोखिम वर्ग मे रखा गया है।