देश मे सवा सौ करोड ̧आबादी मे भारत के मुकेश अम्बानी,गौतम अगणी,अजीम प्रेमजी,महेन्द्रा एंड महेन्द्रा सहित ऐसे 20 अरबपति है जिनके पास 10 फीसदी जीडीपी का हिस्सा है। इनकी दौलत विगत सात महीनो मे दस फीसदी के बराबर बढ चुकी है। इन्होने अपनी दौलत मे ́200 अरब करोड डॉलर का ईजाफा किया है। भारत की कुल जीडीपी दो खरब डॉलर के करीब है। देश मे टॉप 18 अरबपतियो ने अपनी सम्पतियो मे एक अरब डॉलर से ज्यादा का इजाफा देखा है। भारतीय मुद्रा मे इसकी कुल कीमत 6400 करोड रुपये है। दिलीप साधवी जरुर पीछे रह गये,मगर बाकियो ने जोरदार पैसा कमाया है। मुकेश अम्बानी तो काफी आगे निकल गये। उन्होने तेल से टेलीकॉम सेन्टर पर कब्ज़ा बनाया है। मुकेश अम्बानी की सम्पति 13 अरब डॉलर बढ़ी है। अडानी,अजीम प्रेमजी ने भी 3-4 अरब डॉलर की बढ़ोतरी पाई है। अजीम प्रेमजी की सम्पति अभी तक इस साल 3-8 अरब डॉलर बढ ̧कर 16 अरब डॉलर हो गई है। केडिला के पंकज पटेल, आईशर मोटर्स के विक्रमलाल, डीएलएफ के के.पी. सिह पिरामल ग्रुप के अजय चीरामल,शपूरजी पलोनजी के पलोनजी मिस्त्री ऐसे अरबपति है जिन्होने इस साल दो अरब डॉलर तक की कमाई की है। देश के केवल एक फीसदी अमीरो के पास देश की पूरी सम्पति का 58 फीसदी का हिस्सा है। अवेन्यू फॉर्चून के मालिक राधाकिशन दमानी की 3.46 अरब डॉलर की कमाई करके अब 5.36 अरब डॉलर तक बढ़ा चुके है। कोटक महेन्द्रा के उदय कोटक ने इस वर्ष अपनी कमाई मे 3.22 अरब डॉलर का इजाफा किया है। इनकी सम्पति अब 10.3 अरब डॉलर की है। कुमार मंगलम बिडला कीभी दौलत बढ़ी है। आदित्य बिडला को जरुर झटका लगा है। कुमार मंगलम बिडला ने इस सराल 3.13 अरब डॉलर की बढत बनाई। जहा ये अभी 9.16 अरब डॉलर पर पहुंच गये है। देश मे आर्थिक विकास तेज गति पर है। युवा पीढ़ी भी आगे आ रही है व निवेशो ́ के स्मार्ट तरीके ढूंढ़ने लगी है। इनकी लाईफ स्टाईल भी अच्छी हुई है। जहा उन्हे बेहतर जानकारिया हासिल है। म्युचुअल फंडो मे निवेश के तरीके जाने है। नई-नई स्कीमे लाई गई है। जहा ́रिटायरमेन्ट प्लान्स, निवेश म्युचुअल फंडो मे कैसे किया जाये, लोग जानने लगे है। वर्ष 16-17 मे ́म्युचुअल फंड का कारोबार बीस गुना बढ़ा है। जो आज बीस लाख करोड का आकड़ा छू रहा है। कम्पनिया अच्छा खासा लाभांश कमा रही है। कई कम्पनिया तो सामाजिक वेलफेयर ग्राउंड के नाम पर भी अच्छी कमाई अर्जित कर रही है। कई कम्पनियो के उत्पाद प्रकृति, योगा/सामाजिक कल्याण, स्वदेशी जागरण के उत्साह मे ही रंगीन लाभ अर्जित कर रही है। कई चैरिटी के नाम पर भी लाभ कमा रहे है। सोशियल फौज के हवाले से भी कम्पनियो के ठाठ बढ ̧रहे है। सोशियल फौज के जरिये लोग व्यय करते है, ये जानकर कि इसका लाभ का एक बढ़ा हिस्सा सामाजिक वेलफेयर बढ़ा रहा है। सशक्त विकास से लोग हमारे गणतंत्र के हशिये पर नही आएगे।
विकास एक अद्भुत सी चीज है, जिसे सेंटीमेंटल तरीके से कहे कि विकास मेहनत के तारो की धूल से गढ़ा जाता है, जिसे इतिहास मे देख लो,चाहे देश मे देख लो तो चाहे देश के गणतंत्र मे देख लो। अत: जरुरी है कि नई आर्थिक नीतिया बने, प्राथमिकताए बदले। व ́चित सभी समुदायो को लाभ देकर विकास की मुख्य धारा से जोडने की कोशिश वर्तमान मे मोदी द्वारा की जा रही है। मोदी ऐसे पीएम है जो जानते है कि भारत मा ́धरती का वास्तविक रक्षक कौन है। मोदी के सभी के उत्थान का प्रभावी कार्यक्रम उतार रहे है, जहा आर्थिक रुप से सम्पन्नो के विशेष अधिकारो ́को एक रचनात्मक कल्याणकारी दिशा मे मोड़ा जा रहा है। आम आदमी गरीबो के विकास की बाध्यता को भी समझा जा रहा है। विकास गति है इन आखो मे,यू नमी की तरह, चमक उठे है अधेरे भी रोशनी की तरह। विकास कोई जादू भी नही है कि आप सरकार से बहुत ज्यादा इतनी अपेक्षाए ́रखे कि संभलने की बजाय दम निकलने लगे। विकास की संभलने लायक अपेक्षाओ से जरुर ही अच्छे दिन आएगे।
