नई दिल्ली/एजेंसी। जेपी इन्फ्राटेक केस में नियुक्त किए गए इनसॉलवंसी रेजॉलूशन प्रफेशनल (आईआरपी) ने होम बायर्स को रिफंड मिलने की गुंजाइश खारिज कर दी है। हालांकि उन्होंने आश्वासन दिया है कि प्रॉजेक्ट डवेलपमेंट जारी रखने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। हृष्टरुञ्ज की इलाहाबाद बेंच ने 9 अगस्त को जेपी इन्फ्राटेक को आईडीबीआई बैंक की याचिका पर दिवालिया घोषित कर दिया था।
एनसीएलटी ने अनुज जैन को आईआरपी नियुक्त किया, ताकि इनसॉलवंसी एंड बैंकरप्सी कोड के तहत कार्यवाही की जा सके। गुरुवार को जारी एफएक्यू में जैन ने होम बायर्स से अनुरोध किया था कि वे 24 अगस्त तक फॉर्म जमा कर दें और सपॉर्टिंग डॉक्युमेंट्स बाद भी दिए जा सकते हैं, लेकिन ऐसा रेजॉलूशन प्लान फाइल होने के पहले करना होगा। आईआरपी ने यह भी साफ किया है कि होम बायर्स को क्लेम्स दाखिल करने के लिए दी गई 24 अगस्त की डेडलाइन बढ़ाई नहीं जाएगी।
जैन ने कुछ मीडिया रिपोर्ट्स पर स्पष्ट किया कि आईआरपी ने किसी अथॉरिटी या मीडिया प्रतिनिधि को कोई ऐसा बयान नहीं दिया है कि कुछ फ्लैट बायर्स को या कुछ प्रॉजेक्ट्स में रिफंड किया जा सकता है। आईआरपी ने साफ किया कि वह जेपी इन्फ्राटेक की कुर्की की राह पर नहीं हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया के दौरान कंपनी की हालत ठीक करने के उपाय किए जाएंगे। आईआरपी ने यह भी साफ किया कि कंपनी के रोजमर्रा के कामकाज में कोई बाधा नहीं आएगी।
जेपी केस में होम बायर्स को रिफंड मिलने की गुंजाइश को आईआरपी ने किया खारिज
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