नई दिल्ली। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने रूसी निवेशकों से भारत में कृत्रिम मेधा (एआई) और ई-स्वास्थ्य जैसे बाजारों में तेजी से हो रहे विस्तार का लाभ उठाने के लिए आमंत्रित किया है। उनका कहना है कि इससे दोनों ही देशों में नयी प्रौद्योगिकी के विकास की गति तेज होगी। उन्होंने कहा कि भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था तीन चार साल में 1,000 अरब डॉलर के आंकड़े को छू जाएगी। इससे ई-वाणिज्य, सूचना प्रौद्योगिकी, संचार और इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण जैसे क्षेत्रों में कारोबार की व्यापक संभावनाएं हैं। भारत-रूस संबंधों को ‘विश्वास, समझ और परस्परता’ आधारित करार देते हुए प्रसाद ने कहा कि अधिकतर मुद्दों पर दोनों देशों का एक साझा वैश्विक दृष्टिकोण है। राजनीतिक बदलाव और अन्य अंतरों के बावजूद यह बरकरार है। प्रसाद ने कहा कि दोनों देशों के ‘रिश्ते नयी ऊंचाई पर हैं’ और इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन की निजी दोस्ती और समझ की बड़ी भूमिका है। भारत की कुशल मानव संसाधन और नवोन्मेष शक्ति एवं रूस की तकनीकी ताकत का उल्लेख करते हुए प्रसाद ने कहा कि भारत भी एआई, ई-स्वास्थ्य और ई-शिक्षा जैसे उभरते क्षेत्रों में बेहतर संभावनाओं वाला देश है।
रूसी निवेशकों के लिए भारत की बढती डिजिटल अर्थव्यस्था में बड़े मौके: रविशंकर प्रसाद
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