नई दिल्ली। पिछले दो ट्रेडिंग सेशन में इंफोसिस के शेयरों में गिरावट के चलते कंपनी की मार्केट वैल्यू 34,000 करोड़ रुपये कम हो गई है। इस बीच, निवेशकों की दिलचस्पी उसकी प्रतिद्वंद्वी कंपनियों टीसीएस और विप्रो में बढ़ रही है।
इंफोसिस के सीईओ विशाल सिक्का के अचानक इस्तीफा देने के बाद कंपनी के शेयर प्राइस में 14.5 पर्सेंट की गिरावट आ चुकी है और इससे इसका मार्केट कैप 2 लाख करोड़ रुपये से कम हो गया है। एनालिस्टों का कहना है कि शॉर्ट टर्म में कंपनी का प्रदर्शन कैसा रहेगा, इसका अंदाजा लगाना अब मुश्किल हो गया है। माना जा रहा है कि इंफोसिस में संकट का फायदा उठाकर दूसरी भारतीय आईटी कंपनियां मार्केट शेयर बढ़ाने की कोशिश कर सकती हैं। इस वजह से टीसीएस और विप्रो पर ट्रेडर्स फ्यूचर्स मार्केट में बुलिश सौदे कर रहे हैं।
टीसीएस में अगस्त फ्यूचर्स का ओपन इंटरेस्ट पिछले तीन ट्रेडिंग सेशन में 7.5 पर्सेंट बढ़ा है, जबकि विप्रो के ओपन इंटरेस्ट में 4 पर्सेंट की बढ़ोतरी हुई है। बाजार में कमजोरी की वजह से सोमवार को स्टॉक फ्यूचर्स में कुछ कमी देखी गई, लेकिन एनालिस्टों का कहना है कि आने वाले वक्त में इंफोसिस से पोजिशंस का ट्रेंड टीसीएस और विप्रो की ओर शिफ्ट होगा।
इंफोसिस ने 13,000 करोड़ रुपये के शेयर बायबैक का ऐलान किया है। इसके बावजूद इसमें गिरावट नहीं थम रही है। कई ब्रोकरेज हाउसों ने इंफोसिस की रेटिंग भी घटा दी है। डेरिवेटिव एनालिस्ट ने कहा, इंफोसिस में लगातार गिरावट आ रही है और कुछ दूसरे आईटी शेयरों में खरीदारी बढ़ी है। यह शिफ्ट आने वाले वक्त में जारी रह सकता है। खासतौर पर टीसीएस में ट्रेडर्स की दिलचस्पी बढ़ रही है। वहीं, फंडामेंटल एनालिस्टों का कहना है कि एक ही मार्केट में टीसीएस और विप्रो के फोकस के चलते उन्हें फायदा हो रहा है। इंफोसिस सहित देश की बड़ी आईटी कंपनियों के लिए अमेरिका सबसे बड़ा बाजार है।
सीनियर एनालिस्ट ने बताया, इंफोसिस की मुश्किलों से खासतौर पर टीसीएस और विप्रो को मार्केट शेयर बढ़ाने में मदद मिलेगी। मिडकैप कंपनियों को भी कुछ फायदा हो सकता है। डेरिवेटिव एनालिस्टों का कहना है कि शॉर्ट टर्म के लिए टीसीएस के शेयरों पर दांव लगाया जा सकता है क्योंकि ज्यादातर लॉन्ग पोजिशंस इसी में ली जा रही हैं।
इंफोसिस में संकट से बाजार में TCS, Wipro का रुतबा बढ़ा
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