मुंबई/एजेंसी- डेबिट टैक्स और के्रडिट टैक्स की कम्प्यूटिंग और इनवॉइसिंग के लिए इंडसइंड बैंक ने सनटेक बिजनेस सॉल्यूशन के साथ भागीदारी की है। यह साझेदारी इंडसइंड बैंक को जीएसटी कानून के विभिन्न ड्राफ्ट के साथ काम करने में सक्षम करने और ग्राहकों को निर्बाध सेवा प्रदान करने के लिए है।
यह घोषणा तब हुई जब भारत ने 1 जुलाई से जीएसटी अधिनियम लागू किया। यह बहु कर प्रणाली की जगह एक सरल, एकीकृत कर व्यवस्था है जिसे ऐतिहासिक सुधार माना गया है। सनटेक का एक्सेलेरेट फॉर जीएसटी को ओवर-द-टॉप (ओटीटी) समाधान के लिए बनाया गया है। यह आसानी से इंडसइंड बैंक के मौजूदा आईटी लैंडस्केप में एकीकृत हो जाता है। यह आउट ऑफ द बॉक्स बैंक और वित्तीय संस्थानों को जीएसटी के अनुरूप तैयार करने में सक्षम बनाएगा।
समझौते के एक हिस्से के रूप में, बैंक की जीएसटी देयता की गणना के लिए सनटेक टैक्स गणना और करों के लिए विभिन्न स्रोतों से डेटा का विश्लेषण करने में मदद करेगा। इसमें अलग-अलग टैक्स, टैक्स अकाउंटिंग, टैक्स इनवॉइस और रिटर्न मैनेजमेंट के लिए डेटा आदि शामिल होंगे। के्रडिट टैक्स स्कोप में इनपुट सेवाओं की गणना, इनपुट कर के्रडिट की गणना, रिवर्स चार्ज टैक्स की गणना, इंटर-ब्रांच लेनदेन, इनवॉइसिंग और जीएसटी निष्कर्ष शामिल होंगे।
सनटेक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के नंदा कुमार ने कहा कि हम जीएसटी अनुपालन के लिए इंडसइंड बैंक का भागीदार बन कर खुश हैं। हमारा बेहतरीन प्रौद्योगिकी उत्पाद इंडसइंड बैंक जैसी नई पीढ़ी के बैंक को अपने ग्राहकों को निर्बाध व्यापारिक मूल्य और लाभ प्रदान करने में सक्षम करेगा। एक्सेलेरेट फॉर जीएसटी को विशेष रूप से डिजाइन किया गया है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि हमारे ग्राहकों को मौजूदा बुनियादी ढांचे में कम से कम हस्तक्षेप के साथ सुविधा मिलती रहे।
इंडसैंड बैंक के चीफ फिनांसियल ऑफिसर एसवी जारेगांवकर ने कहा कि चूंकि जीएसटी एक तकनीक चालित प्रणाली है, जहां इनवॉइसिंग से ले कर कर भुगतान के लिए हर लेनदेन डिजिटल रूप से करना पड़ता है।
इंडसइंड बैंक में हम अपने ग्राहकों को डिजिटल अनुभव का उच्चतम स्तर देने का प्रयास करते हैं और इसीलिए सनटेक सिस्टम के साथ भागीदारी करने का निर्णय लिया है। ये एक अग्रणी आईटी समाधान प्रदाता है। ये भागीदारी हमें डिजिटल डिलीवरी प्लेटफॉर्म को अपनाने के लिए एकीकृत कनेक्टिविटी, बेहतर गणना, सटीक डेटा प्रदान करेगा।
