बिजनेस रेमेडीज/नई दिल्ली। देश की अर्थव्यवस्था 2024-25 में 4,000 अरब डॉलर के पार हो जाने की उम्मीद है। वहीं 2026-27 तक इसके बढक़र 5,000 अरब डॉलर होने का अनुमान है। उद्योग मंडल पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने एक रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया है। उद्योग मंडल ने यह भी कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक 2024 के अंत तक सोच-विचार कर रेपो दर में एक प्रतिशत तक की कटौती कर सकता है।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत विकास का सबूत दिखा रही हैज् उपयुक्त नीतिगत उपायों के जरिये आने वाले दिनों में वैश्विक अर्थव्यवस्था के समक्ष उत्पन्न जोखिम को कम करने को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है।’’ इसमें कहा गया है कि वैश्विक चुनौतियों के बावजूद देश की अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है। देश 2047 तक विकसित अर्थव्यवस्था का दर्जा हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘देश भविष्य की वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण प्रगति कर रहा है। भारतीय अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2024-25 में 4,000 अरब डॉलर के पार होने की उम्मीद है। और वित्त वर्ष 2026-27 तक इसके बढक़र 5,000 अरब डॉलर तक हो जाने का अनुमान है।’’ पीएचडी चैंबर के उप-महासचिव एस पी शर्मा ने आर्थिक वृद्धि को और तेज करने के लिए असंगठित क्षेत्र पर अधिक ध्यान देने की जरूरत बतायी। उन्होंने यह भी कहा कि छोटे कारोबारियों की मदद के लिए बैंकिंग प्रणाली को और अधिक मजबूत बनाने की जरूरत है। ताकि वे मांग के अनुसार अपनी क्षमताओं का विस्तार करने में सक्षम हो सकें। उद्योग मंडल का यह विश्लेषण जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि, निर्यात वृद्धि, सकल राष्ट्रीय बचत, कुल निवेश और जीडीपी अनुपात में कर्ज जैसे प्रमुख वृहत आर्थिक संकेतकों पर आधारित है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि केंद्रीय बैंक 2024 के अंत तक रेपो दर में एक प्रतिशत तक की कटौती कर इसे 5.5 प्रतिशत पर ला सकता है।