पिछले काफी से मसालों की गुणवत्ता को लेकर काले बादल से मंडरा रहे थे। हॉन्गकॉन्ग और सिंगापुर ने कुछ भारतीय कंपनियों के मसालों पर प्रतिबंध भी लगाया। साथ ही कई अन्य देशों ने भारतीय मसालों को निगरानी लिस्ट में डाला है। पर फाइनेंशियल ईयर 2024 में भारत से मसालों का एक्सपोर्ट रेकॉर्ड लेवल पर पहुंच गया है। इस दौरान भारत से मसालों का एक्सपोर्ट 4.46 अरब डॉलर रहा, जो पिछले साल के मुकाबले 17 फीसदी अधिक है। वॉल्यूम के लिहाज से भी यह नौ फीसदी की तेजी के साथ 15.39 लाख टन रहा। इस दौरान खासकर काली मिर्च, इलायची और हल्दी महंगे होने के कारण भारत को अच्छी कमाई हुई। चीन और बांग्लादेश से मांग बढऩे से मिर्च का निर्यात 15 फीसदी बढ़ा है। भारत से मसालों के सबसे ज्यादा निर्यात चीन को किया गया। पिछले फाइनेंशियल ईयर में मिर्च, धनिया, अदरक, अजवाइन, सौंफ और लहसुन के निर्यात में काफी तेजी देखने को मिली। दूसरे ओर काली मिर्च, मेंथी, इमली और मिंट प्रोडक्ट्स के एक्सपोर्ट में गिरावट देखने को मिली। भारत से मसाला आयात करने वाले देशों में चीन सबसे आगे है। उसके बाद अमेरिका, बांग्लादेश, यूएई और थाईलैंड का नंबर है। भारत दुनिया में मसालों का सबसे बड़ा उत्पादक और एक्सपोर्टर है। पिछले साल चीन ने भारत से 1.79 लाख टन मिर्च का आयात किया। इसके बाद थाईलैंड और बांग्लादेश का नंबर है। पिछले साल बांग्लादेश को मिर्च के एक्सपोर्ट में 67 फीसदी तेजी आई। साथ ही अमेरिका को भी मिर्च के एक्सपोर्ट में करीब 25 फीसदी तेजी आई है। वहीं मौजूदा फाइनेंशियल ईयर में देश के मसालों के एक्सपोर्ट में गिरावट आ सकती है। इसकी वजह यह है कि कुछ मसालों के उत्पादन में गिरावट आई है। साथ ही सिंगापुर और हॉन्गकॉन्ग ने कुछ कंपनियों के प्रोडक्ट्स पर बैन लगा रखा है। साल के पहले दो महीनों में मसालों के निर्यात में 5.84 फीसदी की गिरावट आई है।
रेकॉर्ड लेबल पर पहुंचा भारत से मसालों का एक्सपोर्ट
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