जयपुर/कासं। ख्यातनाम वैज्ञानिक और नीति आयोग के सदस्य डॉ. विजय कुमार सारस्वत ने कहा कि पिछले वर्षों में वैश्विक पटल पर देश ने रक्षा क्षेत्र में विशिष्ट पहचान बनाई है। उन्होंने बताया कि जहां पहले देश हथियारों और रक्षा उपकरणों में पूरी तरह विदेशों पर निर्भर था, वहीं आज भारत उच्च तकनीक की मिसाइल, टैंक और हैलीकॉप्टर बनाने में सक्षम बना है।
सारस्वत बुधवार को ओटीएस के कॉन्फेंस हॉल में हरिश्चन्द्र माथुर राजस्थान राज्य लोक प्रशासन संस्थान और अखिल भारतीय सेवा के पेंशनर्स संगठन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित मासिक व्याख्यानमाला को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत ने मिसाइल तकनीक में बहुत प्रगति की है और हम विश्व के सर्वश्रेष्ठ मिसाइल बनाने वाले देशों की सूची में शुमार हो गए हैं। हमारी मिसाइल तकनीक का लोहा अब विकसित देश भी मानने लगे हैं। भारत और रूस के सहयोग से तैयार सुपरसोनिक मिसाइल ब्रहमोस इसका बड़ा उदाहरण है।
डॉ. सारस्वत ने बताया कि अमेरिका और रूस के बाद अब भारत इजरायल से बड़ी मात्रा में हथियार आयात कर रहा है। उन्होंने बताया कि इजरायल के साथ मिलकर कई परियोजनाओं पर काम चल रहा है, जो रक्षा के क्षेत्र में मील का पत्थर सिद्ध होंगी। उन्होंने भारत सरकार द्वारा थल सेना, वायुसेना और नौसेना की मजबूती के लिए किए जा रहे प्रयासों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि हमारा उद्देश्य अभी रक्षा क्षेत्र में हथियारों और अन्य संशोधनों के आयात पर निर्भरता को कम करना है इसलिए रक्षा अनुसंधान संस्थानों को अपनी गतिविधियां तेज करने और निजी क्षेत्र के निवेशकों को इस क्षेत्र में निवेश के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
इस कार्यक्रम में हरिश्चन्द्र माथुर राजस्थान राज्य लोक प्रशासन संस्थान, जयपुर की महानिदेशक गुरजोत कौर, पूर्व मुख्य सचिव इंद्रजीत खन्ना सहित बड़ी संख्या में भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा और अन्य अखिल भारतीय सेवाओं के सेवानिवृत्त अधिकारी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन एसएस बिस्सा द्वारा किया गया।
