नई दिल्ली/एजेंसी- केंद्र सरकार ने 22 कैरट से ज्यादा शुद्धता वाले सोने के आभूषणों, सिक्कों और अन्य आइटमों के निर्यात पर पाबंदी लगा दी है। इस कदम का मकसद सोने के आभूषणों का निर्यात दिखाकर फिर इस कीमती धातु को वापस लाने के खेल यानी राउंड टिपिंग पर रोक लगाना है।
विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने इसके संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। यह फैसला ऐसे समय किया गया है जब भारतीय आभूषण व्यापारियों की ओर से दक्षिण कोरिया से सोने के आयात में भारी बढ़ोतरी को लेकर चिंता जताई गई है। इस देश से सोने का आयात एक जुलाई से तीन अगस्त के बीच बढ़कर 33.86 करोड़ डॉलर के आंकड़े पर पहुंच गया। जबकि 2016-17 में पूरे वित्त वर्ष के दौरान दक्षिण कोरिया से 47.04 करोड़ डॉलर के सोने का आयात किया गया था।
अधिसूचना में डीजीएफटी ने कहा है कि विदेश व्यापार नीति (2015-20) के कुछ प्रावधानों को संशोधित किया गया है। इसके तहत आठ से 22 कैरट तक के सोने के आभूषणों और अन्य आइटम के घरेलू बाजार, निर्यातोन्मुख यूनिटों, इलेक्ट्रॉनिक्स हार्डवेयर टेक्नोलॉजी पार्क, सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क और बायो टेक्नोलॉजी पार्क से निर्यात की अनुमति मिल गई है। इसका मतलब यह हुआ कि अब कोई भई निर्यातक 22 कैरट से अधिक शुद्धता वाले सोने के गहने या अन्य आइटम का निर्यात नहीं कर सकेगा।
डीजीएफटी ने साफ किया है कि अब उन्हीं निर्यातकों को प्रोत्साहनों का लाभ मिलेगा, जो आठ से 22 कैरट के बीच शुद्धता वाले सोने के आभूषण व अन्य आइटम का निर्यात करेंगे। इस बारे में जेम्स एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के एक अधिकारी ने बताया कि कुछ निर्यातकों द्वारा 22 कैरट से अधिक शुद्धता वाले आभूषणों के निर्यात की शिकायत मिल रही है। निर्यातकों के शीर्ष संगठन फियो के एक अधिकारी ने भी इसी तरह की बात दोहराई। उसने कहा कि इस अधिसूचना के जरिये सोने के ऐसे गहनों व अन्य आइटमों के निर्यात पर रोक लग गई है।
हालांकि इस कदम का गोल्ड ज्वैलरी के निर्यात पर असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि ज्यादातर एक्सपोर्ट 22 कैरट से कम शुद्धता वाले गहनों का ही होता है।
सोने के आभूषण निर्यात पर बढ़ी सख्ती, राउंड ट्रिपिंग पर लगेगी लगाम
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