वाशिंगटन। अंतर्राष्ट्रीय मौद्रिक कोष (आईएमएफ) प्रमुख क्रिस्टिन लगार्डे का कहना है कि अमेरिका की मौजूदा संरक्षणवादी नीतियों से वैश्विक अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल असर पडऩा शुरू हो गया है। आईएमएफ के अनुमान के मुताबिक, इससे वैश्विक आर्थिक दर कमजोर पड़ गई है। लगार्डे ने कहा, मुख्य मुद्दा यह है कि वाकपटुता से वास्तव में व्यापार में बाधाएं आ रही हैं।
इससे सिर्फ व्यापार को ही नुकसान नहीं हो रहा बल्कि निवेश और विनिर्माण को भी नुकसान पहुंच रहा है क्योंकि अनिश्चितताएं बढ़ रही हैं।” इसके अलावा लगार्डे ने चेताते हुए कहा कि यदि आगे मौजूदा व्यापार विवाद बढ़ता है तो इससे विकासशील देश बड़े पैमाने पर प्रभावित हो सकते हैं। आईएमएफ ने जुलाई में अनुमान जताया था कि 2018 और 2019 में वैश्विक आर्थिक दर 3.9 फीसदी रहेगी।
हालांकि लगार्डे ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था को लेकर अगला अनुमान इससे कम हो सकता है। अगले अनुमान की घोषणा 8 से 14 अक्टूबर के दौरान आईएमजी और विश्व बैंक की सालाना बैठक में इंडोनेशिया के बाली में की जाएगी। हालांकि आईएमएफ की प्रबंधन निदेशक ने जोर देकर कहा कि वैश्विक आर्थिक दर 2011 के बाद से अपने उच्च स्तर पर बनी रहेगी।
सूक्ष्म वित्त पोषण क्षेत्र को 6 से 9 हजार करोड़ रुपये की जरूरत: इक्रा
मुंबई। देश के सूक्ष्म वित्त पोषण क्षेत्र को अपनी वृद्धि योजनाओं के तहत अगले तीन साल में 6-9 हजार करोड़ रुपये की जरूरत पड़ सकती है। एक रिपोर्ट में यह अनुमान व्यक्त किया गया है। इस क्षेत्र ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 25 प्रतिशत की दर से वृद्धि की है।
